हिमाचल के मंडी जिले के नांज गांव के नेकराम शर्मा ने 40 तरह के अनाज का एक अनूठा देसी बीज बैंक बनाया है। इस बीज बैंक में कई ऐसे अनाज हैं, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं और कई ऐसे भी हैं, जिनके बारे में आपने शायद ही सुना हो।
शहर में जगह और समय की कमी की वजह से जो लोग चाहते हुए भी सब्जियां नहीं उगा पा रहे, उनकी मदद कर रहा है मिथिलेश का स्टार्टअप ‘वेज रूफ’। पढ़ें कैसे एक इंजीनियर ने शुरू किया शहर में खेती करना।
सितम्बर महीने की शुरुआत में ही बोने होते हैं इन पांच सब्जियों के बीज, तभी ठंड में खा पाएंगे ताज़ी हरी सब्जियां। पढ़ें, इन्हें उगाने और देखभाल से जुड़ी ज़रूरी बातें।
एमबीए और एमकॉम की पढाई कर बड़ी कोचिंग में कार्यरत, 25 साल के निमिष गौतम ने गणेश चतुर्थी पर अनोखे इको फ्रेंडली गणेश की 500 मूर्तियां बनाकर लोगों को सवा रुपये में बांटी हैं, जिससे आस्था और पर्यावरण दोनों सुरक्षित रहें।
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में जन्मे चंद्रशेखर पांडे अपनी पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ रोज़गार की तलाश में सपनों की नगरी मुंबई में जा बसे. शहर में वह अपने सभी अरमान पूरे करते हुए तरक्की कर रहे थे, लेकिन इस बीच गांव और अपनी मिट्टी के लिए लगाव भी बढ़ता रहा। जानें 22 साल बाद आख़िर ऐसा क्या हुआ कि नौकरी छोड़कर वह वापस गांव लौट आये.
गार्डनिंग एक हॉबी के साथ-साथ, किसी का बिज़नेस कैसे बना सकता है! यह कोई सीखे पटना के रिटायर्ड बैंक अधिकारी मनोरंजन सहाय से। अपने घर में हज़ारों पौधों की देखभाल करने के साथphoolophalo.com नाम से ऑनलाइन बिज़नेस भी कर रहे हैं।
मुज़फ्फरनगर (उत्तरप्रदेश) के प्रशांत शर्मा को अपनी दादी और पापा से गार्डनिंग का शौक़ मिला था। आज उनके घर में विदेशी किस्मों के कई फूल खिलते हैं, रेल लिली का उनके पास जो कलेक्शन है, वह तो शायद ही किसी के पास होगा।