मिलिए कोलकाता की मौसमी मंडल से, जिन्होंने अपने खाली समय में अपने गार्डन के वीडियोज़ बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करना शुरू किया और आज वह गार्डनिंग के अपने शौक़ के कारण यूट्यूब से कमाई भी कर रही हैं।
बचपन से पेड़-पौधे लगा रहे अंकलेश्वर के दीपक प्रजापति, जहां भी रहते हैं, वहां पौधे लगाते रहते हैं। उन्होंने देशभर से पोर्टुलाका की 100 किस्में जमा की हैं, जिन्हें वह सिर्फ अपने घर में ही नहीं, बल्कि गांव के मंदिरों में भी लगाते रहते हैं।
अगर घर में अच्छी धूप आती है, तो पारिजात का पौधा बिना खाद और देखभाल के ही अच्छा बढ़ेगा और ढेरों फूलों से आपको गार्डन को महका भी देगा। पढ़ें, इसे लगाने और देखभाल से जुड़ी ज़रूरी बातें।
नवसारी (गुजरात) के डूंगरी गांव में बना, रिटायर्ड इंजीनियर सुरेशचंद्र पटेल का घर किसी फार्म हाउस से कम नहीं है। उनका पूरा परिवार साथ मिलकर 8000 से ज्यादा पौधों की देखभाल करता है।
हरिद्वार के रहनेवाले सुधीर सैनी ने जब 2018 में अपना खुद का घर बनाया, तब उन्होंने घर को सजाने के लिए कई पौधे पहले ही तैयार कर लिए थे। यही कारण है कि उनका घर आज फूलों की बेल से भरा हुआ है।
पटना की अमृता सौरभ यूं तो बचपन से अपने पिता को गार्डनिंग करते देखती थीं, लेकिन ससुराल आकर उन्होंने अपना खुद का गार्डन बनाना शुरू किया और कई देशी-विदेशी सजावटी पौधों से यहां हरियाली फैला दी। अब वह दूसरों के गार्डन डिज़ाइन करने का भी काम कर रही हैं।
आर्मी से रिटायर होने के बाद, खगरिया (बिहार) के जितेंद्र कुमार ने गार्डनिंग को अपना ज्यादा समय देना शुरू किया। उनके गार्डन की सुंदरता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि मात्र एक हफ्ते पहले ही उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने गार्डन की फोटोज़ डालीं, जिसे 17 हजार से ज्यादा लोगों ने पसंद किया।