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रोहित पराशर

पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, सक्सेस स्टोरी, यात्रा वृतांत और जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण के बारे में लिखने के शौकिन रोहित पराशर हिमाचल से हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से मास्टर इन मास कम्यूनिकेशन करने के बाद पिछले एक दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुडे़ हुए हैं। देश के प्रतिष्ठित समाचारपत्र दैनिक भास्कर और पर्यावरण के क्षेत्र की बेहतरिन मैग्जीन डाउन टू अर्थ में सक्रीय रूप से लिखते हैं। लोगों से उनके अनुभवों के बारे में बाते करने का शौक रखते हैं और पहाड़ों से खासा लगाव रखते हैं।

एक किसान ने फूलों से बदली पूरे गांव की तस्वीर, हो रहा सालाना 40 करोड़ का कारोबार

By रोहित पराशर

70 वर्षीय आत्म स्वरूप ने 30 साल पहले, हिमाचल प्रदेश के चायल के छोटे से गांव में फूलों की खेती शुरू की, आज गांव की कुल भूमि के 70 फीसदी हिस्से पर फूलों की खेती होती है और यह गांव सालाना 40 करोड़ से ऊपर के फूलों का करता है कारोबार।

विरान जंगल में उगाये 20 हज़ार सेब के पौधे, आज करोड़ों में हो रही कमाई

By रोहित पराशर

हिमाचल के विक्रम रावत ने कलासन में 42 बीघा ज़मीन पर बनाया है एक मॉडल फार्म। अभी तक 11 हज़ार किसानों और बागवानों को एडवांस्ड गार्डनिंग की ट्रेनिंग देने के साथ-साथ, वह 5 लाख सेब के पौधे भी बांट चुके हैं। बैंक की नौकरी से बागवानी तक का उनका यह सफ़र काफ़ी दिलचस्प रहा है।

30 सालों से बचा रहे देसी अनाज, दस हज़ार किसानों को मुफ्त में बांटे बीज

By रोहित पराशर

हिमाचल के मंडी जिले के नांज गांव के नेकराम शर्मा ने 40 तरह के अनाज का एक अनूठा देसी बीज बैंक बनाया है। इस बीज बैंक में कई ऐसे अनाज हैं, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं और कई ऐसे भी हैं, जिनके बारे में आपने शायद ही सुना हो।

BITS Pilani के इस पूर्व-छात्र ने लाखों की नौकरी छोड़ किसानों के लिए बनाया 'जैविक हाट

By रोहित पराशर

आशीष ने 8 सालों तक भारत, जर्मनी और अमेरिका में काम किया लेकिन उनसे अपने देश के किसानों की हालत देखी नहीं गई और वह सबकुछ छोड़कर वापस लौट आये।

पर्यटकों की फेवरेट जगह है हिमाचल स्थित दुनिया का सबसे ऊँचा पोस्ट ऑफिस, कब जा रहे हैं आप?

By रोहित पराशर

हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले का हिक्किम पोस्ट ऑफिस न सिर्फ उंचाई पर बसे होने के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इस पोस्ट ऑफिस की चिट्ठियों और डाक टिकटों पर लगने वाली मुहर पर्यटकों के लिए खास होती है।

सेना में रहते हुए इकट्ठे किए पूरे देश से बीज, हर राज्य की सब्ज़ियां मिलेंगी इनके खेत में

By रोहित पराशर

सरहद की रक्षा और मिट्टी से जुड़ाव की मिसाल हैं रिटायर फौजी करतार सिंह।

78 वर्षीय पूर्व सेना अधिकारी का फिटनेस मंत्र, बंजर ज़मीन को बना डाला 400 पेड़ों का बगीचा

By रोहित पराशर

कैप्टन जिंदू राम बिना किसी व्यक्ति की मदद के इस 5 बीघे के बगीचे को अकेले संभाल रहे हैं।

अपनी फ्रूट कंपनी की मदद से बागवानों को उनके सेब का उचित दाम दिलवा रहे हैं 18 वर्षीय नैतिक!

By रोहित पराशर

लोगों की सेवा करने के लिए नैतिक एक सिविल सर्वेंट बनना चाहते हैं इसलिए जब सेब मंडी में कारोबार नहीं होता है वह यूपीएससी की कोचिंग भी लेते हैं।

गाँव के खाली खेतों को देख छोड़ी IT की नौकरी, हल्दी की खेती कर लाखों में हुई कमाई!

By रोहित पराशर

अपने साथ के दो दर्जन से अधिक किसानों के प्रोडक्ट को बाजार मुहैया करवाने के लिए एक ब्रांड की शुरूआत भी की है।

रिटायर फौजी बन गया किसान, किसानों के लिए बना डाला फोल्डिंग हल!

By रोहित पराशर

किसानों को खेती में कम मेहनत करनी पड़े इसके लिए परमाराम ने एक दर्जन से अधिक कृषि यंत्रों की खोज की है।