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प्रवेश कुमारी

प्रवेश कुमारी मॉस कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुकीं हैं। लिखने के साथ ही उन्हें ट्रेवलिंग का भी शौक है। सकारात्मक ख़बरों को सामने लाना उन्हें सबसे ज़्यादा ज़रूरी लगता है।

पिता का हुआ निधन फिर भी पहुंची परीक्षा देने, बनीं उत्तराखंड की पहली ITBP महिला कांस्टेबल

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में एक जिला है अल्मोड़ा और इसका एक छोटा सा पहाड़ी शहर है रानीखेत, जो अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। लेकिन इन दिनों यह शहर एक अलग वजह से चर्चा में है। यहां की बेटी तरन्नुम कुरैशी आइटीबीपी में उत्तराखंड से पहली महिला कांस्टेबल बनी हैं।

5 साल की उम्र में पिता ने घर से निकाला, माँ ने झाड़ू-पोछा कर बेटी को पहुंचाया वर्ल्ड कप तक

झारखंड के गुमला जिले की रहने वाली फुटबॉलर सुधा अंकिता टिर्की हर तुफान से लड़ते हुए आगे बढ़ने वालों में से हैं और उनके इसी जज़्बे और माँ के विश्वास व साथ ने उन्हें अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप तक पहुंचा दिया।

महिला रामलीला! राम, रावण, हनुमान, सभी हैं महिलाएं! कोई MBA है, कोई इंजीनियर

क्या आपने कभी ऐसी रामलीला देखी है जिसमें कोई पुरुष ही न हो? चंडीगढ़ के चिनार होम्स में एक ऐसी ही अनोखी रामलीला का आयोजन हो रहा है जहाँ राम, रावण, हनुमान, लक्ष्मण जैसे सभी किरदार महिलाएं निभा रही हैं। स्टेज का संचालन और इसे ऑर्गेनाइज़ करने वाली संस्था की फाउंडर भी एक महिला हैं!

पिता ने पकड़ा बिस्तर तो बिंदुप्रिया बनीं नाई, लोगों के ताने सुने पर सैलून बंद नहीं किया

हैदराबाद के छोटे से गाँव की रहनेवालीं एम. बिंदुप्रिया बीबीए की छात्रा हैं, लेकिन उनके बारे में ख़ास बात यह है कि पढ़ाई के साथ-साथ वह अपने पिता की नाई की दुकान अकेले संभालती हैं। इस काम को करते हुए उन्हें लोगों के विरोध और ताने भी झेलने पड़ते हैं। लेकिन उनकी प्राथमिकता एक ही है, अपना परिवार चलाना।

मजदूर से सुपरकॉप! वर्षा के लिए यह सफर नहीं था आसान, तभी बेझिझक करती हैं सेवा

क्या आपको गुजरात पुलिस की कॉन्स्टेबल वर्षा परमार याद हैं? हां, वही वर्षा जिन्होंने कुछ समय पहले कच्छ के रेगिस्तान में हीट स्ट्रोक से बेहोश हुई महिला को पांच किलोमीटर तक अपने कंधे पर लाद सुरक्षित जगह तक पहुंचाया था। पढ़ें उनके संघर्षों से भरी जीवन की कहानी।

कभी थे चंबल के बाग़ी, आज हैं 'चीता मित्र'! सरकार ने सिकरवार को सौंपी बड़ी ज़िम्मेदारी

अफ्रीका से लाए गए 8 चीते कूनो नेशनल पार्क में छोड़े जाने के बाद से ग्रामीणों में डर का माहौल है और कई गलतफहमियां भी हैं। ऐसे में एक समय पर चंबल के ख़ौफ़नाक बाग़ी रहे रमेश सिंह सिकरवार को सरकार ने चीता मित्र नियुक्त किया है।

दिल्ली की 'सुपरकॉप' सुनीता! ढूंढ निकाले 75 लापता बच्चे, विभाग ने दिया आउट ऑफ टर्न प्रमोशन

दिल्ली पुलिस में तैनात महिला ASI यानी सहायक पुलिस निरीक्षक सुनीता अंतिल ने अपने साहस से अब तक 75 मिसिंग बच्चों को ढूंढ़कर, उन्हें उनके परिवार से मिलाने में कामयाबी हासिल की है। इस उपलब्धि के बाद विभाग ने उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने का फैसला लिया है।

चाय की रेहड़ी पर पिता की मदद करने के साथ की तैयारी, छठे प्रयास में सूरज ने निकाला NEET

ओड़िशा के रहने वाले सूरज कुमार बेहरा के पिता एक अस्पताल के सामने चाय की रेहड़ी लगाते हैं। बचपन से ही सूरज का सपना था कि वह डॉक्टर बनें। लेकिन कोचिंग की फ़ीस भरने तक के पैसे नहीं थे। पढ़ें, ऐसे हालातों के बावजूद सूरज ने कैसे NEET क्रैक करके बदली अपनी और परिवार की क़िस्मत।

पिता दिव्यांग और मुश्किलें कईं पर नहीं मानी हार, बनीं गांव की पहली महिला सब-इंस्पेक्टर

बाड़मेर की बेटी लक्ष्मी गढ़वीर मिसाल बन गई हैं। छोटे से गाँव मंगले की बेरी की छोटी सी मेघवालों की बस्ती की रहने वाली लक्ष्मी, दलित समुदाय से अपने जिले की पहली महिला सब-इंस्पेक्टर बन गई हैं!