Powered by

Latest Stories

HomeTags List women empowerment

women empowerment

'चावल की चाय' से 'रागी के मोमोज़' तक, झारखंडी खाने को सहेज रही हैं यह महिला!

By निशा डागर

"फ़ास्ट फ़ूड के जमाने में मैं लोगों को 'स्लो फ़ूड सेंटर' का विकल्प दे रही हूँ। जहां रुककर वे अपनी संस्कृति, अपने समुदायों और अपनी जड़ों के बारे में सोच-समझ सकते हैं। हमारी आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए।"

18 महिलाओं से शुरू हुई संस्था आज दे रही है 50 हजार महिलाओं को रोजगार और प्रशिक्षण!

महिलाओं द्वारा बनाया गया सामान 'सम्भली' के जोधपुर स्थित शोरूम में विदेशी पर्यटकों एवं अन्य लोगों को बेचा जाता है और इसके बदले महिलाओं को उचित वेतन दिया जाता है।

पुरानी-बेकार चीजों से उपयोगी प्रोडक्ट बना रहीं हैं यह सिविल इंजीनियर, 1 करोड़ है सालाना टर्नओवर!

By निशा डागर

पूर्णिमा सिंह ने अपने व्यवसाय की शुरुआत सिर्फ 3 महिला कारीगरों के साथ की थी और उनकी पहली कमाई मात्र 20 हज़ार रुपये थी!

डाउनलोड करें दानपात्र ऐप और सिर्फ एक क्लिक में घर की सभी अनुपयोगी चीजें करें दान!

By रवीना मिंज

आपको सिर्फ इस्तेमाल न की जाने वाली चीज़ों का फोटो अपलोड करना है, इसके बाद आकांक्षा की दानपत्र टीम 7 से 21 दिनों के भीतर आपके घर आकर सामान ले लेगी और एक तय दिन में ज़रूरतमंदों में बाँट देगी।

काले चावल में दिखा कुछ ऐसा, इस लड़की ने नौकरी छोड़ शुरू किया मुनाफे वाला बिज़नेस

By पूजा दास

लंदन से मास्टर डिग्री लेने वाली मुदिता आसपास डायबिटीज के मरीज़ों को देखकर परेशान थीं। इसलिए उन्होंने सोचा कि वह काले चावल को पूर्वोत्तर से बाहर दूसरे राज्यों के बाजारों में उपलब्ध करा सकतीं हैं।

फेसबुक, व्हाट्सअप के ज़रिए खड़ा किया बिज़नेस, हर महीने कमाती हैं 4 लाख रुपये!

By निशा डागर

साल 2014 में अभिलाषा ने एक फेसबुक ग्रुप में दाल-बाटी की पोस्ट डाली थी और इस एक पोस्ट से उन्हें 40 ऑर्डर मिले। वह कहती हैं कि आज भी उन्हें 90% ऑर्डर्स फेसबुक और व्हाट्सअप के ज़रिए मिलते हैं!

निर्भया केस ने झकझोड़ा! तब से लेकर अब तक दे चुकीं है 2 लाख को मुफ्त सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग

By निशा डागर

साल 2012 तक हर्षा साहू की ज़िंदगी सामान्य चल रही थी, लेकिन निर्भया घटना के बाद उन्होंने ठाना कि उन्होंने जो सीखा, वह उसे आगे बढ़ाएंगी!

#हमराही: नौकरी छोड़ पहुँच गए गाँव, 'साबुन' से बना दिया सैकड़ों महिलाओं को सशक्त!!

By निशा डागर

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अनुराग और शिखा ने कॉलेज के दिनों से ही ठान लिया था कि वे आगे चलकर ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने के लिए काम करेंगे!

15 की उम्र में हुई थी शादी पर खुद बनाई अपनी पहचान, डेढ़ लाख महिलाओं को दिलाया रोज़गार!

By निशा डागर

उनके समूह की महिलाओं ने IIT मुंबई से प्रशिक्षण लेकर खुद 18 हज़ार सोलर लैंप बनाए हैं।

इनके प्रयासों से बना मध्य-भारत का पहला सोलर किचन, बदल दी हज़ारों महिलाओं की तकदीर!

जनक दीदी के सौर ऊर्जा से संचालित घर में अब तक 85,000 लोग आकर सस्टेनेबल लिविंग के गुर सीख चुके हैं।