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रांची के परिवार का कमाल! घर में नहीं थी जगह तो रोड पर बना दिया गार्डन

By प्रीति टौंक

रांची के मनोज रंजन को बचपन से ही गार्डनिंग का शौक था। लेकिन शहर में नौकरी की वजह से उनका परिवार रांची आ गया और यहां पौधे लगाने की जगह नहीं थी। लेकिन पिछले पांच सालों से, उन्होंने घर के बाहर रोड साइड पौधे लगाना शुरू किया और आज 200 से ज्यादा पौधे उगाकर हरियाली फैला दी है।

न कोई बड़ी डिग्री न साधन, जुगाड़ से बिजली बनाकर यह 12वीं पास बना गांव का 'पावर मैन'

By प्रीति टौंक

रामगढ़ (झारखंड) के वियंग गांव के रहनेवाले केदार प्रसाद महतो मात्र बारहवीं पास हैं, लेकिन अपने दिमाग और आठ सालों की मेहनत से, उन्होंने गांव के लिए बिजली बनाने में सफलता हासिल कर ली।

कोल माइनिंग इलाके में उगाए सैकड़ों पौधे, सरकारी क्वार्टर को बना दिया फूलों का गुलदस्ता

By प्रीति टौंक

धनबाद में कोल इंडिया के क्वार्टर में रहनेवाली नेहा कच्छप बचपन से ही पौधों के बीच पली-बढ़ीं। नेहा को शादी के बाद, हरियाली की कमी हमेशा खलती थी। लेकिन उन्होंने शिकायत करने के बजाय, माइनिंग एरिया में भी सैकड़ों पौधे लगाकर, कई लोगों को चौंका दिया।

न बॉउंड्री वॉल है, न अच्छी धूप! सरकारी क्वार्टर में 400 पौधे उगाकर कमाती हैं हज़ारों रूपये

By प्रीति टौंक

रांची में सरकारी क्वार्टर में रहने वाली दीपिका लकड़ा को गार्डनिंग से खास लगाव है। वह कई तरह के सजावटी पौधे उगा रही हैं और साथ ही एक नर्सरी भी चला रहीं हैं।

गरीबों का मुफ्त इलाज करते हैं यह डॉक्टर, कई बार खुद की जेब से देते हैं दवा के पैसे भी

By निशा डागर

रांची, झारखंड के 52 वर्षीय डॉ. अनिल कुमार पिछले कई सालों से गरीब और जरूरतमंदों का इलाज मुफ्त में कर रहे हैं।

कोयले की खान पर थी ज़मीन, मज़दूर ने 15 साल मेहनत कर बनाई उपजाऊ, अब खेती से कमाते हैं लाखों

By प्रीति टौंक

झारखंड का धनबाद इलाका, कोयले की खानों के लिए जाना जाता है। ऐसे में, खेती के लिए यहां काफी कम संभावनाएं हैं। लेकिन इस इलाके के एक मज़दूर उमा महतो ने, अपनी दो एकड़ जमीन को 15 साल की मेहनत से उपजाऊ बना दिया।

रोज़ छड़ी के सहारे पैदल चलकर गाँव पहुँचते हैं, ताकि पढ़ा सकें 60 ज़रूरतमंद बच्चों को

By प्रीति टौंक

कोरोना के दौरान जब गांव के बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही थी, तब 18 वर्षीय उपेंद्र यादव ने उनको पढ़ाने का बीड़ा उठाया। दिव्यांग होते हुए भी, वह हर रोज लकड़ी के सहारे दो किमी पैदल चलकर 60 बच्चों को पढ़ाने जाते हैं।

झारखंड का यह स्टूडेंट, बोकारो में उगा रहा है शहतूत, जानिए कैसे

By अर्चना दूबे

झारखंड के रहनेवाले, जीवनबोध एग्रोटेक के संस्थापक, प्रसेनजीत कुमार ने बोकारो में अपने बैकयार्ड में तटीय क्षेत्रों में उगने वाली शहतूत (noni cultivation) उगाने में कामयाबी हासिल की है।

1050 वर्ग फ़ीट में उगाते हैं मशरूम, हर महीने होती है 30 हज़ार की कमाई

By निशा डागर

जमशेदपुर के राजेश कुमार, पिछले लॉकडाउन से पहले अपनी नौकरी छोड़कर घर लौट आये थे। उन्होंने घर में ही मशरूम की खेती शुरू की, जिससे आज वह हर महीने अच्छी कमाई कर रहे हैं।

न बीज खरीदें, न पौध, मुफ्त में लाये कटिंग और उगा दिए 400 पेड़-पौधे

By निशा डागर

आप बीज या पौध न भी खरीदना चाहें, तब भी अपना घर हरियाली से भर सकते हैं। पढ़िए कैसे सिर्फ कटिंग से इन्होंने सैंकड़ों पौधे लगा दिए।