फरीदाबाद में ऑटो पिन स्लम में रहने वाले 20-25 बच्चों ने पहले साथ में मिलकर प्लास्टिक की खाली-बेकार पड़ी बोतलों और अन्य कचरे से 300 से भी ज्यादा 'इको ब्रिक' बनाई हैं और इन इको ब्रिक का इस्तेमाल उन्होंने अपने स्लम में 'इको बेंच' बनाने के लिए किया है।
हरियाणा के सोनीपत में रहने वाले अमित लाठिया दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल हैं और पिछले लगभग 7 सालों से 100 से ज़्यादा गरीब बच्चों की कोचिंग और रहने-खाने का खर्च उठा चुके हैं!
साल 2014 में अभिलाषा ने एक फेसबुक ग्रुप में दाल-बाटी की पोस्ट डाली थी और इस एक पोस्ट से उन्हें 40 ऑर्डर मिले। वह कहती हैं कि आज भी उन्हें 90% ऑर्डर्स फेसबुक और व्हाट्सअप के ज़रिए मिलते हैं!
Haryana में सोनीपत की रहने वाली 21 वर्षीय शैनदीप अरोड़ा अपनी गली में बेसहारा घुमने वाले 50 से भी ज़्यादा कुत्तों की देखभाल करती है। उन्हें दो वक़्त खाना नियमित रूप से खाना खिलाने के अलावा, वे इनके बीमार पड़ने पर इन्हें जानवरों के डॉक्टर के पास भी लेकर जाती हैं।