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बच्चों की पहल, घर घर प्लास्टिक इकट्ठा कर, बना दिए पब्लिक बेंच

By निशा डागर

फरीदाबाद में ऑटो पिन स्लम में रहने वाले 20-25 बच्चों ने पहले साथ में मिलकर प्लास्टिक की खाली-बेकार पड़ी बोतलों और अन्य कचरे से 300 से भी ज्यादा 'इको ब्रिक' बनाई हैं और इन इको ब्रिक का इस्तेमाल उन्होंने अपने स्लम में 'इको बेंच' बनाने के लिए किया है।

दिल्ली पुलिस: गरीब बच्चों की पढ़ाई पर पूरी कमाई खर्च कर देते हैं कांस्टेबल अमित लाठिया

By निशा डागर

हरियाणा के सोनीपत में रहने वाले अमित लाठिया दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल हैं और पिछले लगभग 7 सालों से 100 से ज़्यादा गरीब बच्चों की कोचिंग और रहने-खाने का खर्च उठा चुके हैं!

प्लास्टिक की बेकार बोतलों से गमले, डॉग शेल्टर और शौचालय बनवा रहा है यह 'कबाड़ी' इंजीनियर

By निशा डागर

हरियाणा के हिसार में रहने वाले जतिन शहर के स्कूल-कॉलेज के छात्रों के साथ मिलकर प्लास्टिक वेस्ट के मैनेजमेंट पर काम कर रहे हैं!

गुरुग्राम और हिसार में 1000 ज़रूरतमंद परिवारों तक राशन पहुंचा चुकी हैं शालिनी कपूर

सभी को ज़रूरतमंद लोगों की हरसंभव मदद करनी चाहिए। इसी सोच के साथ यत्न इस ज़रुरत के समय में लोगों की मदद को बढ़ चढ़कर भाग ले रहा है।

फेसबुक, व्हाट्सअप के ज़रिए खड़ा किया बिज़नेस, हर महीने कमाती हैं 4 लाख रुपये!

By निशा डागर

साल 2014 में अभिलाषा ने एक फेसबुक ग्रुप में दाल-बाटी की पोस्ट डाली थी और इस एक पोस्ट से उन्हें 40 ऑर्डर मिले। वह कहती हैं कि आज भी उन्हें 90% ऑर्डर्स फेसबुक और व्हाट्सअप के ज़रिए मिलते हैं!

हरियाणा का यह किसान दुनिया के कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हो चुका है सम्मानित!

यह वह दौर जब आर्गेनिक खेती प्रचलन में नही थी। इस शब्द की ईश्वर को भी जानकारी नही थी। उन्होंने तो बस निर्णय कर लिया था कि देशी-तरीकों से खेती करनी है।

मिलिए 9 साल में 600 सांपों की ज़िंदगी बचाने वाले सोनू दलाल से!

सोनू सांपों को न सिर्फ हमारे पर्यावरण के लिए जरूरी मानते हैं बल्कि उनसे इंसानों को होने वाले फायदे भी गिनवाते हैं।

ट्यूशन पढ़ाकर 50 से ज़्यादा बेसहारा कुत्तों की देखभाल कर रही है इंजीनियरिंग की यह छात्रा!

By निशा डागर

Haryana में सोनीपत की रहने वाली 21 वर्षीय शैनदीप अरोड़ा अपनी गली में बेसहारा घुमने वाले 50 से भी ज़्यादा कुत्तों की देखभाल करती है। उन्हें दो वक़्त खाना नियमित रूप से खाना खिलाने के अलावा, वे इनके बीमार पड़ने पर इन्हें जानवरों के डॉक्टर के पास भी लेकर जाती हैं।