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मोईनुद्दीन चिश्ती

देशभर के 250 से ज्यादा प्रकाशनों में 6500 से ज्यादा लेख लिख चुके चिश्ती 22 सालों से पत्रकारिता में हैं। 2012 से वे कृषि, पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर कलम चला रहे हैं। अब तक उनकी 10 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। पर्यावरण संरक्षण पर लिखी उनकी एक पुस्तक का लोकार्पण संसद भवन में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के हाथों हो चुका है।

कभी बीड़ी बनाकर बमुश्किल गुज़ारा करतीं थीं, आज बन गईं हैं महिला सशक्तिकरण की मिसाल

सुभद्रा के एनजीओ की मदद से , जंगल अधिकार, भू अधिकार, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण-संवर्धन, महिला स्वास्थ्य, शिक्षा, नवीनीकरणीय ऊर्जा एवं देसी प्राकृतिक खेती पर काम जारी है।

रिटायर्ड आर्मी अफसर ने शुरू की प्राकृतिक खेती, सोलर पॉवर से बनें आत्मनिर्भर!

खेती में जो उपज होती है, उससे उन्हें साल में करीब ढाई लाख रुपये की आमदनी हो जाती है।

मदनलाल कुमावत: दिहाड़ी मजदूर से लेकर राष्ट्रपति के मेहमान बनने तक का सफर

मदनलाल की कहानी में ऐसे कई मोड़ हैं, जहां उन्होंने हार न मानते हुए मेहनत को सर्वोपरि माना।

‛नेकी की दीवार’ से मुकेश कर रहें हैं गरीबों की मदद, साथ ही पढ़ा रहे बचत का पाठ

मुकेश अपने संस्था के जरिए ज़रूरतमंदों को कपड़े व जरूरी चीजें दान करते हैं। साथ ही, वह गांवों के स्कूलों और महिलाओं के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में वित्तीय साक्षरता और उससे जुड़ी जागरूकता के बारे में बताते हैं।

जुताई के लिए हल और बैल खरीदने के नहीं थे पैसे, तो बना दिया साइकिल को जुताई मशीन

81 वर्षीय गोपाल भिसे ने ज़िंदगी की थकान को कभी खुद पर हावी होने नहीं दिया। उन्होंने छोटे किसानों के लिए साइकिल से जुताई मशीन बनाई, जिससे उनके जैसे किसानों को हल व बैल का एक सस्ता विकल्प मिल गया।

बिज़नेस आईडिया है पर प्लान नहीं? इंदौर जाइए और मिलिए इस स्टार्टअपमैन से!

समीर मदद के आए युवाओं से किसी प्रकार का कोई अग्रीमेंट साइन नहीं करवाते। वह सिटीजन और ह्यूमन वेलफेयर की सोच के साथ कार्य करते हैं और शायद इसलिए उनके मार्गदर्शन में सारे 8 स्टार्टअप्स सफल रहे हैं।

IIT इंदौर के दो छात्रों का आइडिया, 'ऑन द स्पॉट' कचरा निपटाने की अनोखी तकनीक!

'स्वाहा' की इस 'मोबाइल वेस्ट प्रोसेसिंग वैन’ सुविधा से शहर में जो छोटे होटल या रेस्टोरेंट हैं उन सबका कचरा उसी स्थान पर ही प्रोसेस हो सकता है।

तीन दोस्तों का अनोखा आविष्कार; प्रदूषण के काले धुँए से अब बनेगी पेन या प्रिंटर की स्याही!

धुंध और प्रदूषण की वजह से एक साथ 13 गाड़ियों के टकराने की खबर देखकर, इन दोस्तों ने इसका हल ढूंढने की ठानी थी।

इनके प्रयासों से बना मध्य-भारत का पहला सोलर किचन, बदल दी हज़ारों महिलाओं की तकदीर!

जनक दीदी के सौर ऊर्जा से संचालित घर में अब तक 85,000 लोग आकर सस्टेनेबल लिविंग के गुर सीख चुके हैं।

इन रक्तवीरों ने साबित किया - "सिर्फ अपना खून ही अपना नहीं होता"

आज 'लाल बूंद ज़िंदगी रक्षक सेवा संस्थान करीब दर्जन भर शहरों में ब्लड डोनर मुहैया कराता है।