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5वीं पास सरपंच ने जला दी शिक्षा की लौ, 50 बेटियों को स्कूल जाने के लिए किया प्रेरित

बुरहानपुर के आदिवासी बाहुल्य झांझर गांव में करीब दस साल पहले तक रूढ़िवादी सोच के चलते बेटियां पांचवीं क्लास से आगे नहीं पढ़ पाती थीं। लेकिन एक महिला ने अकेले दम पर इस आदिवासी समाज में शिक्षा की लौ जला दी है। कमलाबाई ने इन हालातों को बदलने का बीड़ा उठाया और आज गांव की 50 से ज़्यादा बेटियां स्कूल और कॉलेज तक में पढ़ाई कर रही हैं।

महिला रामलीला! राम, रावण, हनुमान, सभी हैं महिलाएं! कोई MBA है, कोई इंजीनियर

क्या आपने कभी ऐसी रामलीला देखी है जिसमें कोई पुरुष ही न हो? चंडीगढ़ के चिनार होम्स में एक ऐसी ही अनोखी रामलीला का आयोजन हो रहा है जहाँ राम, रावण, हनुमान, लक्ष्मण जैसे सभी किरदार महिलाएं निभा रही हैं। स्टेज का संचालन और इसे ऑर्गेनाइज़ करने वाली संस्था की फाउंडर भी एक महिला हैं!

पिता ने पकड़ा बिस्तर तो बिंदुप्रिया बनीं नाई, लोगों के ताने सुने पर सैलून बंद नहीं किया

हैदराबाद के छोटे से गाँव की रहनेवालीं एम. बिंदुप्रिया बीबीए की छात्रा हैं, लेकिन उनके बारे में ख़ास बात यह है कि पढ़ाई के साथ-साथ वह अपने पिता की नाई की दुकान अकेले संभालती हैं। इस काम को करते हुए उन्हें लोगों के विरोध और ताने भी झेलने पड़ते हैं। लेकिन उनकी प्राथमिकता एक ही है, अपना परिवार चलाना।

पिता दिव्यांग और मुश्किलें कईं पर नहीं मानी हार, बनीं गांव की पहली महिला सब-इंस्पेक्टर

बाड़मेर की बेटी लक्ष्मी गढ़वीर मिसाल बन गई हैं। छोटे से गाँव मंगले की बेरी की छोटी सी मेघवालों की बस्ती की रहने वाली लक्ष्मी, दलित समुदाय से अपने जिले की पहली महिला सब-इंस्पेक्टर बन गई हैं!

55 की उम्र में करती हैं भारी-भरकम टायर ठीक करने का काम, लोगों ने 'टायर डॉक्टर' रखा नाम

गाड़ी पंचर होने पर आप क्या करते हैं? अब आप कहेंगे कि यह क्या सवाल है, पंचरवाले भईया के पास जाकर पंचर बनवाते हैं। लेकिन क्या अपने कभी किसी बुजुर्ग महिला को पंचर बनाते देखा है? अगर नहीं, तो आज हम आपको बता रहे हैं 55 वर्षीया कमला नेगी की कहानी।

जीरो इनवेस्टमेंट से शुरू किया बेकार फूलों से सजावटी सामान बनाना, हर महीने कमा रहीं 60 हजार

दिल्ली में रहने वाली पूनम सहरावत बेकार फूलों से कई तरह के सामान बनाकर अच्छी कमाई कर रही हैं।

बिहार: 20000+ लोगों को मशरूम उगाने की ट्रेनिंग चुकी हैं पुष्पा, मिल चुके हैं कई सम्मान

बिहार के दरभंगा जिला के बलभद्रपुर गांव में रहनेवाली पुष्पा झा ने साल 2010 में मशरूम की खेती शुरू की थी। शुरुआत में उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन आज हर दिन हजारों की कमाई हो रही है। पढ़िए यह प्रेरक कहानी!

महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव मिटा 19 साल के इस युवा ने कायम की मिसाल, जानिए कैसे!

उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के हेमी गांव के रहने वाले दीपक के एक रिश्तेदार, शराब पीकर अपनी पत्नी को मारा-पीटा करते थे। लेकिन दीपक के एक प्रयास ने उनके घर की तस्वीर बदल दी।

महिलाओं को दुनिया घुमाने वाला स्टार्टअप, सिर्फ रु. 5000 में शुरू किया था कॉलेज गर्ल ने

इंदौर की रहने वाली साक्षी बालदे ने महिलाओं को दुनिया की सैर कराने के लिए ‘लेट हर ट्रैवल’ की शुरुआत नवंबर 2018 में महज 5000 रुपए से की थी। आज उनका सलाना टर्न ओवर करीब 25 लाख रुपए है। पढ़िए यह प्रेरक कहानी।

लड़के कसते थे फब्तियां, इन चेंज लीडर्स ने पूरे गांव को दिखाई नई राह

भारत में महिलाओं की स्थिति काफी सोचनीय है। उन्हें अपने घर से लेकर पूरे समाज में कई तरह की हिंसा और भेदभाव से गुजरना पड़ता है। लेकिन ‘ब्रेकथ्रू इंडिया संस्था’ ने अपने प्रयासों से समाज में एक नई उम्मीद कायम की है। जानिए कैसे!