जिन सामाजिक बुराइयों के साथ जीने की लोगों ने आदत डाल ली हो, ऐसे मुद्दों पर लोगों को झकझोर कर जगाने, जागरूक करने और समाज सुधार की लड़ाई के इस नए लड़ाकों का स्वागत किया जाना चाहिए।
गाँवों की जनसंख्या में तकरीबन 40.51 करोड़ महिलाएं हैं। अगर हम इन ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त बना सकें और ट्रेनिंग देकर छोटे-मोटे व्यवसाय से उन्हें जोड़ सकें तो ये आर्थिक विकास में मदद करेंगी।