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बौनेपन की वजह से जिम ट्रेनर ने नकारा, तो घर पर ही घटाया 29 किलो वजन

यह कहानी है, इंदौर के रहनेवाले कपिल बजाज की, जिन्हें जिम ट्रेनर ने उनके बौनेपन की वजह से ट्रेनिंग देने से मना कर दिया था। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और घर पर ही अपना 29 किलो वज़न कम कर लिया।

मध्य प्रदेश: तकनीक ने 1 लाख शिक्षकों को किया सशक्त, छात्रों के लिए अंग्रेजी सीखना हुआ संभव

मैरिको लिमिटेड के निहार शांति पाठशाला फनवाला ने मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से एक मजबूत शिक्षक सशक्तिकरण कार्यक्रम को शुरू किया है। इसके तहत उनका लक्ष्य सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी की शिक्षा बढ़ावा देना है।

इंदौर ने बनाया देश का पहला Zero Waste वार्ड, कचरे से होती है अब वार्ड-वासियों की कमाई

गंदगी से जूझ रहे शहरों के लिए इंदौर का एक वार्ड नई मिसाल बनकर उभरा है। 4400 से अधिक घरों का वार्ड नंबर 73, देश का पहला जीरो वेस्ट वार्ड है।

IAS का कमाल, कार्बन क्रेडिट से 50 लाख रूपये कमाने वाला देश का पहला शहर बना इंदौर

मध्य प्रदेश के इंदौर की एक आईएएस अधिकारी ने परियोजनाओं के लिए अर्जित कार्बन क्रेडिट को बेचने के बाद, इससे 50 लाख रुपए का राजस्व हासिल कर, ग्रीन प्रोजेक्ट को मोनेटाइज करने का तरीका खोज लिया है।

पति थे बीमार, बेटे को भी खो चुकी थीं पर संघर्षों को चीरकर ऐसी लिखी अपनी दास्तान!

By नेहा रूपड़ा

दादी का मानना है कि लड़कियों का पढ़ना और खुद के पैरों पर खड़ा होना बेहद ज़रूरी है। उन्हें स्कूटी से लेकर कार तक सबकुछ चलाना आना चाहिए ताकि वे किसी पर निर्भर न रहें।

इंदौर के IAS ने सरस्वती नदी के 2 किमी इलाके को बनाया 100% मैला मुक्त, जानना चाहेंगे कैसे?

By पूजा दास

सरस्वती नदी का दो किलोमीटर का इलाका पूरी तरह मैला मुक्त और जलीय जीवन से संपन्न हैं। इसका पूरा श्रेय इंदौर नगर आयुक्त, आशीष सिंह को जाता है।

इनके प्रयासों से बना मध्य-भारत का पहला सोलर किचन, बदल दी हज़ारों महिलाओं की तकदीर!

जनक दीदी के सौर ऊर्जा से संचालित घर में अब तक 85,000 लोग आकर सस्टेनेबल लिविंग के गुर सीख चुके हैं।

नौकरी के साथ-साथ चलाते हैं रोटी बैंक; भोपाल के इन युवाओं की वजह से भूखे पेट नहीं सोता अब कोई यहाँ!

By नीरज नय्यर

शुरुआत में जब उन्होंने आसपास के लोगों से बचा हुआ खाना माँगा तो सभी खुशी-खुशी इसके लिए तैयार हो गए। किसी ने कभी कोई एतराज नहीं जताया, उल्टा जो समाज के लिए कुछ करना चाहते थे वे भी उनके साथ हो गए।

भोपाल: 100 से ज़्यादा बेसहारा कुत्ते रहते हैं यहाँ प्यार, सौहार्द और सम्मान से!

By नीरज नय्यर

जब कुत्तों के बीच रहते हुए आप सुरक्षित रूप से बड़े हो गए, तो आपका बच्चा भी सुरक्षित है, क्योंकि कुत्ते बेवजह किसीको परेशान नहीं करते। प्रेम बांटने पर प्रेम ही मिलता है, नफरत नहीं।’