‘स्कॉलरशिप मास्टर’ के नाम से जाने जाने वाले दक्षिण कन्नड़ के नारायण नाइक सरकारी हाई स्कूल के रिटायर्ड शिक्षक हैं, जिन्होंने पिछले कई सालों में एक लाख से ज़्यादा छात्रों के जीवन को बदला है और उन्हें करोड़ों की स्कॉलरशिप्स दिलाईं हैं।
हरियाणा में फतेहाबाद के रहने वाले शिक्षक प्रमोद गोदारा और उनकी पत्नी, ASI चंद्र कांता पिछले ढाई-तीन सालों से जैविक खेती कर रहे हैं और अपने खेतों पर 'एग्रो-टूरिज्म' को विकसित कर रहे हैं।
अमरेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश के एक प्राथमिक स्कूल में शिक्षक हैं। 60 एकड़ जमीन में वह केला, स्ट्रॉबेरी, मशरूम, शिमला मिर्च और तरबूज जैसे फल और सब्जियों की खेती भी करते हैं।
झारखंड के इस गाँव के बच्चों के पास शहरी बच्चों की तरह न स्मार्ट फोन था न इंटरनेट, ऐसे में उनके प्रिंसिपल डॉ. सपन कुमार ने यह कदम न उठाया होता तो शायद वे शिक्षा से वंचित ही रह जाते।