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Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Gujarat, India. भारत के गुजरात से जुड़ीं पॉजिटिव, सकारात्मक कहानियां, अच्छी ख़बरें, आविष्कार से सम्बंधित ख़बरें, अनजाने नायक जो एक बेहतर कल के लिए प्रयासरत हैं. गुजरात की महिलाओं की कहानियां, जिन्होंने बदलाव की नींव रखी। गुजरात के किसानों को प्रेरित करने वाली प्रगतिशील किसानों की ख़बरें। शून्य से शुरू करके शिखर तक पहुँचने वाले लोगों की कहानियां। छोटे व्यवसाय से अपनी किस्मत बदलने वाले लोगों की प्रेरक कथाएं। \ Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Gujarat, India.

एक शख्स की पहल से शुरू हुआ काम, 36 सालों से जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में मिल रहा खाना

By प्रीति टौंक

जरूरतमंद लोगों को 38 सालों से फ्री में खाना देती है गंगामाता ट्रस्ट लावजी भाई पटेल ने 36 साल पहले शुरू किया था टिफिन बनाकर देने काम

143 बच्चे, एक आश्रम और ढेरों सपने, जिन्हें नेत्रहीन होने के बावजूद पूरा कर रहे हैं अशोक चौधरी

By प्रीति टौंक

सूरत के मांडवी जिले के एक छोटे से गांव दढ़वाडा से लेकर अहमदाबाद स्थित गुजरात विद्यापीठ में पढ़ने तक का सफर अशोक चौधरी के लिए काफी मुश्किलों से भरा था। मात्र एक आँख से देख पाने और पैसों की तंगी के कारण वह चाहकर भी ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाए, लेकिन आज वह कई जरूरतमंद बच्चों के जीवन की मुश्किलें कम कर रहे हैं!

“सिर्फ 10% आंखों की रोशनी के साथ भी मैं हर साल लाखों लीटर पानी बचाता हूँ, तो आप क्यों नहीं?”

By पूजा दास

गुजरात के रहनेवाले महेंद्रसिंह जाला पिछले 10 वर्षों से भी अधिक समय से रेन वॉटर हार्वेस्टिंग कर रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि महेंद्र सिंह ठीक तरह से देख नहीं पाते। उनकी आंखों की 90 फीसदी रोशनी कम है। लेकिन फिर भी हर मानसून में वह करीब एक लाख लीटर पानी बचाते हैं।

मिलिए गुजरात की 'वॉटर चैंपियन' से, जिनके इनोवेशन से 230 गांवों को पानी बचाने में मिली मदद

By पूजा दास

गुजरात की नीता पटेल को अब 'वॉटर चैंपियन' के नाम से जाना जाता है। यह नाम उन्हें जल संरक्षण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए गए शानदार कामों के लिए दिया गया है।

विदेश की नौकरी छोड़ बन गए गाँववाले और यूट्यूब से कमाने लगे लाखों रुपये

By प्रीति टौंक

गुजरात, पोरबंदर के एक छोटे से गांव बेरन के रहनेवाले रामदे और भारती खुटी ने लंदन में नौकरी छोड़कर भारत में खेती से जुड़ने का फैसला किया। आज अपने यूट्यूब चैनल के जरिए वे अपने गांव के प्रति प्यार को दुनिया को दिखा रहे हैं और इससे अच्छे पैसे भी कमा रहे हैं।

गुजरात: 62 साल की सफल बिज़नेसवुमन, बेच चुकी हैं एक करोड़ का दूध

By अर्चना दूबे

गुजरात के बनासकांठा ज़िले की रहनेवाली नवलबेन चौधरी, पशु पालन का बिज़नेस करती हैं और एशिया की सबसे बड़ी ‘बनास डेयरी’ में हर रोज़ लगभग एक हज़ार लीटर दूध जमा करवाकर, हर महीने 8-9 लाख रुपए कमाती हैं।

खेती का बेहतरीन मॉडल! कभी रु. 80 की करते थे मजदूरी, आज 123 देशों में जाते हैं इनके प्रोडक्ट

By प्रीति टौंक

मिलिए गोंडल, गुजरात के एक प्रगतिशील किसान रमेश रूपरेलिया से, जिन्होंने 38 की उम्र में कंप्यूटर चलाना सीखा और घी सहित कई तरह के प्रोडक्ट्स बनाकर देश-विदेश तक भेज रहे हैं।

1500 किस्मों के पौधों की होलसेल मार्केट है गुजरात का यह गांव, 80% लोग करते हैं यही बिज़नेस

By प्रीति टौंक

सालों पहले गुजरात के नवसारी जिले के दोलधा गांव के किसान, नुकसान के कारण खेती छोड़ने को मजबूर थे। लेकिन आज यह गांव नर्सरी हब बन गया है और पूरे गुजरात, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में पौधे बेचता है।

तमाम व्यस्तताओं के बीच इस डॉ. दम्पति ने घर में बनाया खेत व फिश पॉन्ड

By प्रीति टौंक

सूरत के डॉक्टर दम्पति जिगना और राहुल शाह के टेरेस गार्डन में सब्जियां और फल का उत्पादन किसी खेत से कम नहीं होता, क्योंकि उन्होंने बेहतर पोलीनेशन के लिए छत पर सरसों के पौधे भी उगाए हैं।

जानें कैसे वास्तुकला में आधुनिकता को भी मात देता है, गुजरात का 1000 साल पुराना मोढेरा मंदिर

By प्रीति टौंक

पढ़ें, कैसे 11वीं सदी में बना मोढेरा का सूर्य मंदिर आधुनिक वास्तुकला में आजकल की इमारतों को भी मात देता है। फिर चाहे वह मंदिर में पानी के लिए बनी स्टेप वेल हो या रौशनी के लिए की गई वास्तुकला।