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अक्टूबर का महीना इन सब्जियों को लगाने के लिए है सबसे अच्छा

By प्रीति टौंक

ठंड की इन पांच सब्जियों के बीज अक्टूबर के पहले हफ्ते में ही बो दें, तभी तो ठंड आते ही मिलेंगी ताज़ा सब्जियां।

पिता ने पकड़ा बिस्तर तो बिंदुप्रिया बनीं नाई, लोगों के ताने सुने पर सैलून बंद नहीं किया

हैदराबाद के छोटे से गाँव की रहनेवालीं एम. बिंदुप्रिया बीबीए की छात्रा हैं, लेकिन उनके बारे में ख़ास बात यह है कि पढ़ाई के साथ-साथ वह अपने पिता की नाई की दुकान अकेले संभालती हैं। इस काम को करते हुए उन्हें लोगों के विरोध और ताने भी झेलने पड़ते हैं। लेकिन उनकी प्राथमिकता एक ही है, अपना परिवार चलाना।

एक शख़्स ने दिलाई महिलाओं के हुनर को पहचान, विदेश में भी गूंज चुकी है इनके ढाक की ताल

By प्रीति टौंक

'मोतीलाल ढाकी' देश का पहला महिला ढाकी ग्रुप है, जिसने तमाम बाधाओं को तोड़कर देश-विदेश में दिखाया अपने हुनर का कमाल। जानिए किसकी पहल से हुई थी इस ग्रुप की शुरुआत।

एक रोमांचक पर सस्ता ट्रिप! इलेक्ट्रिक स्कूटर से तय किया मनाली से लेह तक का सफ़र

दिल्ली के रहनेवाले मैकेनिकल इंजीनियर अभिषेक द्विवेदी ने अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर से 400 किमी की दूरी तय की और 17,982 फीट की ऊंचाई पर स्थित खारदुंगला दर्रे पहुंचे। वह लोगों को यह बताना चाहते हैं कि ई-वाहन को किसी नॉर्मल बाइक की तरह ही, एडवेंचर के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है और इसके अलावा भी ईवी के कई फ़ायदे हैं।

दिव्यांग बेटी को खाना खिलाने के लिए दसवीं पास पिता ने बनाया 'माँ रोबोट'

By प्रीति टौंक

गोवा के रहने वाले 44 वर्षीय बिपिन कदम भले ही केवल 10वीं पास हैं, लेकिन मशीनों से उन्हें इतना लगाव है, जितना शायद किसी इंजीनियर को भी न हो। उन्होंने अपनी दिव्यांग बेटी के लिए खुद की सूझ-बूझ से एक ‘माँ रोबोट’ बनाया है। जानिए कैसे और क्या-क्या काम करती है यह मशीन।

यह परिवार रखता है कई बेसहारा लोगों का ख़्याल, 173 भटके लोगों को उनके परिवारों से मिलाया

By प्रीति टौंक

साल 2018 से यमुनानगर के रहनेवाले सरदार जसकीरत सिंह और उनका पूरा परिवार मिलकर ‘नि आसरे दा आसरा' नाम से एक शेल्टर होम चला रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने 173 लोगों को फिर से अपने परिवार से मिलने में मदद भी की है।

राम बाई और बेगम साहिबा! जानिए मज़हब से परे 50 सालों से चली आ रही इस अनोखी दोस्ती की दास्ताँ

By प्रीति टौंक

मज़हब के लिए लड़ने वाले लोगों के किस्से तो बहुत सुने होंगे, लेकिन इन सब से परे हटकर निभाई गई गहरी दोस्ती की कहानियां कम ही सुनाई देती हैं। ऐसी ही एक दिलचस्प कहानी है राम बाई और बेगम साहिबा की भी।

एक मछुआरा, जिसने 40 सालों से नाव में घूम-घूमकर लगाए लाखों मैंग्रोव

केरल के कन्नूर जिले में पयंगडी के पास थावम के रहनेवाले राजन, पेशे से एक मछुआरे हैं। लेकिन पिछले 40 सालों से मैंग्रोव को उगाने, संरक्षित करने और लोगों को जागरूक करके, उन्हें बचाने और पुनर्स्थापित करने का काम कर रहे हैं। इस वजह से उनका नाम मैंग्रोव राजन पड़ गया है।

पहले नहीं देखा होगा ऐसा अनोखा ‘बर्ड-मैन’, 45 साल से रोज़ पक्षियों का पेट भर रहे हैं जवाहर लाल

By रोहित मौर्य

दिल्ली के रहनेवाले 65 वर्षीय जवाहर लाल लगातार 45 सालों से बिना रुके, बिना थके पक्षियों की निःस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। चाहे सर्दी हो, गर्मी हो या फिर आंधी-तूफ़ान ही क्यों न आए दिल्ली के आर्कियोलॉजिकल पार्क में वह पक्षियों को रोज़ाना सुबह दाना-पानी देते हैं। इसीलिए आज सब उन्हें बर्डमैन के नाम से जानते हैं।

पुणे के इस घर में हर दिन आते हैं 100 से ज़्यादा पक्षी

By प्रीति टौंक

जानिए पुणे की रहनेवाली स्मिता पासलकर पिछले छह सालों से ऐसा क्या कर रही हैं कि उनके घर में सैंकड़ों पक्षी हर दिन आते हैं!