Powered by

Latest Stories

HomeAuthorsभावना श्रीवास्तव
author image

भावना श्रीवास्तव

समुद्र को बचाकर 49 साल की उम्र में भारत की कोरल वुमन बन गईं यह गृहणी

लगभग 10 साल पहले, 49 की उम्र में उन्होंने अपनी पहली बार Deep-sea Scuba Diving की थी; और शौक़ के लिए शुरू हुआ उमा मणि का यह काम आज उनकी सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी और लक्ष्य बन चुका है। Sony BBC Earth से उन्हें ‘Earth Champion of the Month’ का Title भी मिल चुका है।

59 की उम्र में सीखी स्विमिंग, जीते 500 से ज़्यादा मेडल्स

सूरत की रहने वालीं 80 साल की बकुलाबेन पटेल तैराकी में 500 से भी ज़्यादा मेडल और ट्रॉफी जीत चुकी हैं। इसके अलावा वह भरतनाट्यम में MA कर रही हैं और इसे परफॉर्म करने वालीं सबसे उम्रदराज़ महिला बन, लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। ये सब उन्होंने 58 की उम्र से करना शुरू किया, इसके पहले वह एक आम गृहिणी थीं।

40 सालों से मोरों की जान बचा रहा एक किसान

मध्य प्रदेश के छोटे से गाँव में रहने वाले नारायण सिंह एक किसान हैं और मोर के प्रति उनका प्रेम व कार्य आस-पास के लोगों के लिए एक उदहारण बना हुआ है। घायल पंछियों के इलाज से लेकर, उनकी देखभाल और उन्हें आसरा देने का काम वह बारह साल की उम्र से कर रहे हैं। आइए जानते हैं उनकी यह अद्भुत कहानी..

कोनोहा ईको फार्मस्टे: मिट्टी का बना पारंपरिक कोंकनी घर!

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी से दूर पुराने समय से जुड़ना, पारंपरिक मिट्टी के घर में रहना और देसी जीवनशैली का अनुभव करना चाहते हैं, तो अदिति मुजुमदार का 'कोनोहा' ईको स्टे है बिलकुल परफेक्ट!

गोवा में बंजर ज़मीन पर बना हरा-भरा ईको-फ्रेंडली होमस्टे

65 साल के पेंटा फेराओ पेशे से एक वकील हैं; लेकिन पर्यावरण के लिए उनका लगाव ऐसा है कि उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ गोवा के जंगल में एक बेकार पड़ी ज़मीन पर बना दिया इको-फ्रेंडली विलेज! जो आज प्रकृति का घर है और शहरी लोगों को सस्टेनेबल जीवन के मायने सिखा रहा है।

बेसहारा विधवाओं को सहारा और सम्मान दे रहीं 'ऐंजल ऑफ़ वृन्दावन'

वृन्दावन की सड़कों पर बेसहारा वृद्ध महिलाओं को रेस्क्यू कर उन्हें रहने के लिए घर, पेट भरने के लिए खाना और जीवन यापन का सहारा देती हैं 60 वर्षीय लक्ष्मी गौतम। सड़क पर पड़े-पड़े ही अपने प्राण त्याग देने वालीं माताओं का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार भी वह खुद ही करती हैं।

घर से दूर एक पहाड़ी घर - कुंदन होमस्टे 

पत्थर, लकड़ी और मिट्टी से बना यह पारंपरिक हिमाचली होमस्टे कुंदन सिंह का है। वैसे तो यह उनके पूर्वजों का घर है, लेकिन आज अपनी मेहनत और मेहमान नवाज़ी से कुंदन, उनकी पत्नी और उनके तीन बच्चे, यानी पूरा परिवार इसे बखूबी चला रहे हैं। वे यहाँ देश-विदेश से आने वाले टूरिस्ट्स का स्वागत करते हैं और उन्हें अपने परिवार का ही हिस्सा बना लेते हैं।

आर्मी कपल जिन्होंने बंजर ज़मीन पर बना दिया हरा-भरा होमस्टे

जहाँ कभी केवल कांटें उगते थे, उस ज़मीन पर आज बसा है हरियाली से घिरा देवरा होमस्टे! यह नतीजा है दिल्ली के रहने वाले मेजर दुर्गा दास और उनकी पत्नी ज्योति जसोल की मेहनत और जज़्बे का। 1994 में इस कपल ने अपने सपने को जीने का फैसला किया और आज वे देश-विदेश से आने वाले कई मेहमानों का अपने यहाँ स्वागत करते हैं; उन्हें हेरिटेज कुकिंग सिखाते हैं। इसके अलावा मेहमानों को बर्ड वॉचिंग, विलेज टूर जैसे कमाल के अनुभव कराते हैं।

स्‍ट्रीट फूड से पारंपरिक मिठाइयों तक, अयोध्या में शौक़ से खाए जाते हैं ये व्यंजन

चाहे यहाँ का स्‍ट्रीट फूड हो, मिठाइयां या पारंपरिक व्‍यंजन, खाने वालों की भीड़ अयोध्या की हर गली में दिख जाती है! तो आइए हम आपको बताते हैं कि अगर आप अयोध्या जाएं तो यहां की किन चीज़ों का स्‍वाद लें!