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कम लागत में ज़्यादा मुनाफ़ा, बेबी कॉर्न उगाकर देश भर के किसानों के लिए मिसाल बने कंवल सिंह

By मोहित सैनी

हरियाणा के इस साधारण किसान ने एक ऐसा फ़ैसला लिया, जिसने उनकी ज़िंदगी बदल दी। बेबी कॉर्न के बादशाह माने जाने वाले कंवल सिंह को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

500 बच्चों को मुफ्त में पढ़ाता है ‘मिड डे मील’ बनाने वाली माँ का यह बेटा

By प्रीति टौंक

'प्रभावती वेलफेयर एंड एजुकेशन ट्रस्ट' के ज़रिए पंढरपुर (बनारस) के मनोज यादव, 15 गांवों के 500 गरीब बच्चों को उनकी बस्ती में जाकर पढ़ा रहे हैं। पढ़ें, कैसे मिली उन्हें इस काम को शुरू करने की प्रेरणा!

200 ग्रौ बैग्स और 25 रेफ्रिजरेटर में उगा रहे हैं पूरे परिवार के लिए ऑर्गेनिक सब्जियां

By पूजा दास

तमिलनाडु के रहने वाले थायुमानवन कुनापालन शहरी गार्डनर्स के लिए किसी उदाहरण से कम नहीं हैं। वह अपने घर की छत पर लगभग हर तरह की सब्जियां उगा रहे हैं, लेकिन ख़ासियत यह है कि ये सब्जियां वह 200 ग्रो बैग्स और 25 पुराने रेफ्रिजरेटर्स में उगाते हैं।

“मैराथन दौड़ती हूँ, वर्कआउट करती हूँ”: 66 साल की पुष्पा बता रही हैं अपने फिटनेस का राज़

मुंबई की 66 वर्षीया एक बुज़ुर्ग महिला कैसी होंगी? आप कल्पना करेंगे एक दादी की, जो रिटायरमेंट के बाद घर पर आराम करती होंगी, दिनभर में थोड़ा-बहुत वॉक कर लेती होंगी। है न? लेकिन नहीं, पुष्पा केया भट्ट एक मैराथन रनर हैं, कई मुश्किल चुनौतियां पार कर चुकी हैं और हफ़्ते में 17 से 20 घंटे वर्कआउट करती हैं।

कौन हैं गौरी सावंत? ट्रांस राइट्स एक्टिविस्ट के जीवन से प्रेरित है सुष्मिता सेन की सीरीज़

गौरी सावंत, जो सिर्फ़ 17 साल की उम्र में अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गईं, क्योंकि उनके व्यक्तित्व को समाज ही नहीं, बल्कि उनके खुद के पिता ने भी नहीं समझा। अनगिनत मुश्किलों के बावजूद, आज उन्होंने अपनी एक पहचान बनाई है। सुष्मिता सेन की आने वाली वेब सीरीज़, दुनिया को दिखाएगी उनके संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी।

18 साल के युवा ने 152 जानवरों, 3000 सांपों को किया रेस्क्यू, गांव में बनाया रेस्क्यू सेंटर

‘स्नेक मैन’ के नाम से मशहूर बिहार के हरिओम चौबे का सांपों से अनोखा जुड़ाव देख, बचपन में घरवालों ने उन्हें यह काम करने से रोका। लेकिन हरिओम ने फिर भी सालों तक जानकारी इकट्ठा की, सांपो के बारे में सब कुछ पढ़-जानकर उन्हें रेस्क्यू करना शुरू किया। आज वह गांव में दूसरा रेस्क्यू सेंटर बनाने की तैयारी में हैं।

सोलर रूफ़, मियावाकी फॉरेस्ट्स और रीसाइकल्ड बेंच; सब है अहमदाबाद के इस अफ़सर का कमाल

भारतीय रेलवे की ट्रेनों में और स्टेशनों पर स्वच्छता की योजना को नए स्तर पर ले जाने वाले फेडरिक पैरियथ ने न केवल अपनी नौकरी की, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियां भी बखूबी निभाईं। उन्हीं के कारण अहमदाबाद रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हो सका और आज यह कई सस्टेनेबल तरीक़ों से काम करता है।

नोएडा शहर के बीच बना यह घर, नहीं है किसी मिनी जंगल से कम

By प्रीति टौंक

मिलिए नोएडा के रहनेवाले अक्षय भटनागर से जो पेशे से एक कंप्यूटर इंजीनियर हैं, और काम में काफ़ी बिज़ी होने के बावजूद भी गार्डनिंग के लिए समय निकाल ही लेते हैं। उनके घर की हरियाली देखकर हर कोई चौक जाता है।

अपने छात्रों को पढ़ाने हर दिन 25 किमी पैदल चलकर जाती हैं केरल की 65 वर्षीय नारायणी टीचर

केरल के कासरगोड में नारायणी नाम की एक टीचर बच्चों को पढ़ाने के लिए पिछले 50 सालों से हर दिन 25 किमी पैदल चल रहीं हैं। यह उनके इस अद्भुत सफ़र की कहानी है।

100 रोटी सुबह और 100 रोटी शाम को बनाकर, हर दिन जानवरों का पेट भरती हैं कोटा की सोनल गुप्ता

By सुजीत स्वामी

एक दिन एक छोटे से कुत्ते की जान बचाने के बाद, कोटा की सोनल गुप्ता की जैसे ज़िंदगी ही बदल गई। उन्होंने बेज़ुबानों के दर्द को महसूस किया और लॉकडाउन में उनका सहारा बनीं। इसके बाद वह शहर में श्वानों की सेवा करने के लिए जानी जाने लगीं। आज वह ‘GSM स्क्वाड’ नाम से अपना NGO चलाती हैं और अब तक 5000 से ज़्यादा पशुओं की जान बचा चुकी हैं।