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कंपनी मैनेजर के पद को छोड़ गाँव के ‘लेमन मैन’ बने यूपी के आनंद!

आनंद बताते हैं कि उन्होंने अपनी 13 साल की नौकरी के दौरान उत्तर प्रदेश, पंजाब से लेकर हरियाणा, राजस्थान और पटना तक काम किया, लेकिन वह सुख नहीं मिला, जो उन्हें खेतों में मिलता है।

'वह हम में से एक था,' इस गाँव में एक पूरा इलाका है इरफ़ान के नाम पर!

“उनके साथ हम काफी सहज थे और उन्होंने हमें कभी डर महसूस नहीं होने दिया। सच कहूं तो, उनका घर हम सभी के लिए खुला था। बच्चे हों या बड़े, वह हर किसी को अपने घर बुलाते थे। हमें नाश्ता कराते थे और साथ बैठकर कुछ देर बातचीत भी करते थे। ” #RealLifeHero #Tribute

मैकेनिकल इंजीनियर बन गया किसान, खुद भी कमाता है लाखों में और दूसरों को भी देता है रोज़गार!

गाँव के पढ़े-लिखे युवाओं को अपने साथ वह खास तौर से जोड़ने की कवायद कर रहे हैं, ताकि उन्नत खेती पर पूरा ध्यान दें सकें।

रिटायर्ड आर्मी अफसर ने शुरू की प्राकृतिक खेती, सोलर पॉवर से बनें आत्मनिर्भर!

खेती में जो उपज होती है, उससे उन्हें साल में करीब ढाई लाख रुपये की आमदनी हो जाती है।

मदनलाल कुमावत: दिहाड़ी मजदूर से लेकर राष्ट्रपति के मेहमान बनने तक का सफर

मदनलाल की कहानी में ऐसे कई मोड़ हैं, जहां उन्होंने हार न मानते हुए मेहनत को सर्वोपरि माना।

जानिए कैसे लॉकडाउन में प्रोसेसिंग से टमाटर और प्याज को बचा रहे हैं ये गाँववाले!

By निशा डागर

"लॉकडाउन में दो चीजों की कोई कमी नहीं है एक तो समय और दूसरा सूरज। तो हमने सोचा कि क्यों न इन दोनों का उपयोग कुछ भलाई के लिए किया जाए!"

आर्किटेक्ट ने 10 एकड़ की बंजर ज़मीन को बना दिया 100 प्रकार के फलों का जंगल!

केरल में स्थित एलधो का 'स्वर्ग मेडू' 20 किस्म के सेबों का घर है और यहाँ 6-7 प्रकार के संतरे, अंगूर, लीची, और स्ट्रॉबेरी भी हैं!

श्रमिकों के शुक्रिया करने का अनोखा अंदाज़, आश्रय बने सरकारी स्कूल की बदली सूरत

सरपंच बताते हैं कि कुछ प्रवासी श्रमिकों ने स्कूल को चमकाया तो दूसरे भी खाली नहीं बैठे। कोई श्रमिक पौधों की देखभाल और इन्हें पानी देने के काम में जुटा है तो कोई निराई गुड़ाई करने लगता है। कोई अन्य कार्य में हाथ बंटाता है।

आईटी की मोटी सैलरी छोड़ बन गए किसान, शहरी खेती को बढ़ावा देना है मिशन

बंगलुरु में अपने किराए के घर की बालकनी में टमाटर उगाने से लेकर पूरी तरह एक किसान बनने में राहुल ने एक लंबा सफर तय किया है!

‘जल-योद्धा’ के प्रयासों से पुनर्जीवित हुई नदी, 450 तालाब और सैकड़ों गांवों की हुई मदद!

By निशा डागर

सालों के अथक प्रयास के बाद, रमन कांत उत्तर-प्रदेश की काली नदी के उद्गम को पुनर्जीवित करने में सफल रहे हैं। 598 किमी तक बहने वाली इस नदी के किनारे 1200 गाँव और कस्बे बसे हुए हैं!