मैसूर विद्यावर्धका इंजीनियरिंग कॉलेज के इंजीनियरिंग छात्रों की एक टीम ने एक सोलर मोबाइल रेफ्रिजरेटर बनाया है। इस रेफ्रिजरेटर में सब्जियों को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है और साथ ही इसकी लागत भी काफी कम है।
कर्नाटक के सात्विक एस और प्रदीप खंडेरी Suraksha Mudblock नाम की एक कंपनी चलाते हैं। यहां इंटरलॉकिंग मड ब्रिक विधि का इस्तेमाल करके मिट्टी के घर बनाए जाते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होता और खर्च भी कम होता है।
मैसूर के एक डिग्री कॉलेज में NSS प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर, डॉ. रघुवेंद्र ने अपने कुछ छात्रों के साथ मिलकर शहर के चार तलाबों, दस झीलों और आठ प्राचीन मंदिरों को खोज निकाला है।
पद्म श्री सम्मान से कई विभूतियों को सम्मानित किया गया, उन्हीं में से एक हैं कर्नाटक के होनाली गांव की रहनेवाली तुलसी गौड़ा। पढ़ें खेतों की पगडंडी से पद्मश्री तक के सफर की कहानी।
कर्नाटक के एचडी कोटे तालुका की आदिवासी महिला, प्रेमा ने कपास और मकई की पारंपरिक खेती करना छोड़, सुपर फूड चिया की ओर रुख किया। आज वह इस खेती से तीन गुना ज्यादा कमा रही हैं।
मैंगलोर में बसे इस घर को बनाने में, पुराने टूटे हुए घरों की लकड़ियां इस्तेमाल की गयी हैं। पर इन्हें बनाने वालों का दावा है कि यह 100 साल तक टिकने वाला घर है। जानिए क्या है, उनके इस दावे के पीछे की वजह!
कर्नाटक के मंगलौर में रहने वाले 32 वर्षीय समरान अहमद, पुराने घरों और इमारतों से निकलने वाली सालों पुरानी लकड़ी की चीजों को फिर से इस्तेमाल करके, नया फर्नीचर और नयी उपयोगी चीजे बनाते हैं।