"जब मैंने किसानी शुरू की थी, तब मैं साइकिल से आता-जाता था। आज मेरे पास 2 कार और 7 मोटरसाइकिल हैं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि पानी बचाने से मेरी ज़िंदगी बदल जाएगी। यह वाकई अनमोल है।"
अमिताभ 2003 में इंग्लैंड गए और ब्रिटिश सरकार के सोशल वेलफेयर बोर्ड लंदन में करीब 10 साल तक काम किया। इस सरकारी नौकरी से वह दुनिया का हर ऐशो-आराम हासिल कर सकते थे, लेकिन उनकी मंजिल कुछ और थी।
छत्तीसगढ़ धीरे-धीरे लेकिन स्थिरता से कुपोषण के मुद्दे को हल कर रहा है और झारखंड, राजस्थान, असम और ओडिशा जैसे अन्य राज्य, बेशक इससे सीख लेकर अपने यहाँ भी इस तरह की योजनायें और कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं।
द बेटर इंडिया के माध्यम से किसान गंसू महतो सभी किसानों से अनुरोध करते हैं कि यदि उन्हें किसानी में कोई भी समस्या हो, तो वे बेझिझक गंसू जी को फोन कर सकते हैं या उनसे मिलने उनके घर जा सकते है।