इस पहाड़ी पर पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। इसलिए उन्होंने मोटर पंप की मदद से नीचे से पानी ऊपर पहुँचाया और फिर पहाड़ी पर एक कृत्रिम तालाब बनाकर इसे सहेजा ताकि सिंचाई की जा सके!
‘विकास की जो राह हमने पकड़ी है इसके अंत में सिर्फ तबाही है। लेकिन इसे रोकना मुश्किल है, इसलिए नुकसान को कम करने के प्रयास किए जा सकते हैं और इसके लिए आम लोगों को भी आगे आना होगा’।
इस गाँव में जन्म लेने वाली हर कन्या के नाम पर उसके परिजनों और ग्रामीणों द्वारा 111 पौधे लगाए जाते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अब तक 93,000 से अधिक पौधे पेड़ बन चुके हैं।
Gujarat से ताल्लुक रखने वाले 86 वर्षीय प्रेमजी पटल ने अपने नेक इरादों से यहाँ के तीन जिलों, राजकोट, गोंडल और मांगरोल की तस्वीर बदल दी है। उन्होंने अब तक 1 करोड़ पेड़ लगाये हैं और लगभग 2500 चेक डैम बनाये हैं।