साल 1997 तक, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला के झारबगड़ा गाँव एक समय 50 किलोमीटर के दायरे में हर ओर से बंजर जमीनों से घिरा हआ था। लेकिन, आज यहाँ के करीब 387 एकड़ जमीन पर घने जंगल लगे हुए हैं और यह कई प्रकार के पशु-पक्षियों का घर है।
एक वक़्त था जब ताड़ के पेड़ से सैकड़ों प्राकृतिक चीजें बनती थीं, जैसे इसके फल से मिठाई, पत्तों से टोकरी जैसे उत्पाद और तो और पहले ताड़ के पेड़ से ही चीनी बनाई जाती थी जो काफी पोषक हुआ करती थी! सतीश की इस कोशिश से जल्द ही वो दिन लौट आएंगे!