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48 की उम्र में खुद सीखा पहाड़ चढ़ना, 50 साल की उम्र में पूरा किया पर्वतारोही बनने का सपना

By प्रीति टौंक

मिलिए भोपाल (मध्यप्रदेश) की 53 वर्षीया ज्योति रात्रे से, जिनके जज्बे ने उन्हें 50 की उम्र में न सिर्फ एक पर्वतारोही बनाया, बल्कि उन्होंने यूरोप की सबसे ऊँची छोटी माउंट एलब्रुस को इस उम्र में फतह करके एक रिकॉर्ड भी बनाया।

इस मरीन इंजीनियर ने सरकारी पार्क में खुद के खर्च पर लगाए 180 किस्मों के 650 से ज्यादा पौधे

By प्रीति टौंक

जम्मू के मरीन इंजीनियर नवजीव डिगरा हमेशा से जहाज पर रहते हुए प्रकृति के पास तो थे, लेकिन प्रकृति में फैले प्रदूषण से भी काफी परेशान थे। तभी उन्होंने अपने शहर के पार्क को हरा-भरा बनाने की ठानी और खुद की मेहनत से इसे एक बायोडायवर्सिटी गार्डन बना दिया।

बढ़ई भैया नहीं, मिलिए कारपेंटर दीदी से! पिता से लकड़ी का काम सीखकर शुरू किया अपना बिज़नेस

By प्रीति टौंक

मिलिए नागपुर की रहनेवाली प्रीति हिंगे से, जिन्होंने अपने बढ़ई पिता से फर्नीचर बनाने की कला सीखी और शादी के बाद घर चलाने के लिए इसे ही अपना काम बना लिया।

74 साल की यह दादी चलाती हैं शहर की सबसे बड़ी केटरिंग एजेंसी, कईयों को दिया है रोजगार

By प्रीति टौंक

संबलपुर की संतोषीनी मिश्रा 74 की उम्र में भी शहर की कई शादियों और समारोहों में केटरिंग सर्विस का काम करती हैं। वह अपनी कैटरिंग एजेंसी के माध्यम से कइयों को रोजगार भी दे रही हैं।

ठेला चलाकर पाला परिवार को, पर हंसी में दिखता है संतोष, 66 की उम्र में बनीं इंस्टा स्टार

By प्रीति टौंक

दिल्ली की 66 वर्षीया वसंती अखानी, पकौड़ी और नाश्ते बेचा करती थीं। कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने अपने बच्चों को एक अच्छा जीवन दिया और काबिल बनाया। अब वह खुद मौज़ भरा जीवन जी रही हैं। उन्हें फिल्मों का बड़ा शौक है और अपने फ़िल्मी अंदाज के कारण वह सोशल मीडिया स्टार बन गई हैं।

ट्रक ड्राइवर से मिली लिफ्ट और शुरू हुआ सफर, बिना पैसों या प्लांनिंग के घूम लिया पूरा देश

By प्रीति टौंक

मुंबई के 24 वर्षीय रजत शुक्ला एक साल से एक लम्बी ट्रिप पर हैं। इस दौरान वह लोगों से कुछ सीखते हैं और उन्हें कुछ सिखाते हैं। इसी तरह वह अपने रहने -खाने और घूमने का इंतजाम भी करते हैं। पढ़ें उनके इस अनोखे ट्रिप की कहानी।

कभी केमिकल फ्री खेती को समझते थे नामुमकिन, आज बेचते हैं हजारों किलो ऑर्गेनिक खाद

By प्रीति टौंक

सूरत के पास, अंभेटी गांव के रहनेवाले कमलेश पटेल ने साल 2015 में खुद जैविक खेती को अपनाया और गांव के कई दूसरे किसानों के लिए जैविक खाद बनाकर उन्हें भी जीरो बजट खेती सिखाई।

एक इंस्पेक्टर की पहल! 250 गांवों में खुली लाइब्रेरी, यहां से पढ़, कोई बना जेलर तो कोई टीचर

By प्रीति टौंक

लॉकडाउन में अपने गांव के बच्चों को पढ़ने का एक अच्छा माहौल देने के लिए, गनौली के ह्यूमन राइट्स इंस्पेक्टर लाल बहार ने कुछ दोस्तों की मदद से एक लाइब्रेरी खोली। उनका प्रयास इतना सफल हुआ कि कई गांवों में ऐसी लाइब्रेरी खुल गई।

किसानों के लिए एक से बढ़कर एक उपकरण बनाने वाले अब्दुल खादर नदकत्तिन को मिला पद्म श्री पुरस्कार

By प्रीति टौंक

कर्नाटक के सीरियल ग्रासरूट इनोवेटर, अब्दुल खादर नदकत्तिन, पिछले 40 सालों से खेती से जुड़े इनोवेशन कर रहे हैं।

मोती उगाने में जापान को टक्कर देने वाले भारतीय वैज्ञानिक डॉ. सोनकर पद्म श्री से सम्मानित

By प्रीति टौंक

डॉक्टर अजय सोनकर ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह के सीपों के टिश्यू से मोती उगाने का काम प्रयागराज के अपने लैब में किया है। मोतियों की दुनिया में उनके किए रिसर्च की वजह से उन्हें इस साल पद्म श्री अवार्ड से नवाजा गया।