ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में तलिता गाँव के रहने वाले, 74 वर्षीय गुरुचरण प्रधान एक रिटायर्ड शिक्षक और किसान हैं। उन्होंने 'कृषक साथी' नाम से एक कृषि यंत्र बनाया है, जो अकेला ही 10 यंत्रों का काम कर सकता है।
जयपुर की अनुपमा तिवाड़ी, पिछले 12 साल से पौधे लगा रही हैं। अब तक उन्होंने 15000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए हैं। उनके जीवन का लक्ष्य एक लाख पेड़-पौधे लगाना है।
एक चार्ज में 75 किलोमीटर तक दौड़ने वाला यह E-scooter, IIT दिल्ली के स्टार्टअप Geliose Mobility द्वारा बनाया गया है। मात्र 20 पैसे प्रति किमी के खर्च पर चलने वाले इस EV का नाम रखा गया है 'HOPE'!
लक्षद्वीप के रहनेवाले अली मणिकफन सिर्फ सातवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की थी। लेकिन, इस साल उन्हें 'ग्रासरूट्स इनोवेशन' की श्रेणी में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। जानिए 14 भाषाएँ जानने वाले इस बिना डिग्री के विद्वान की अद्भुत कहानी!
चेन्नई की अर्चना स्टालिन अपने स्टार्टअप ‘myHarvest’ के ज़रिए, जैविक खेती करने वाले किसानों का एक समुदाय बनाया है, जो ग्राहकों को सीधा किसानों से जोड़ने का काम करता है। लॉकडाउन के दौरान उनके स्टार्टअप ने तकरीबन एक करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
सांगली, महाराष्ट्र के एक किसान, विजय देसाई ने अंगूर की एक नयी नस्ल खोज निकाली है, जो न सिर्फ दिखने में सुन्दर है, बल्कि सामान्य अंगूर की किस्मों से ज्यादा गुणी भी है।
पढ़िए गुजरात के इस शिक्षक दंपति की कहानी, जिनका घर पूरी तरह से प्रकृति पर आधारित है। बिजली से लेकर पानी तक, यहाँ सबकुछ सोलर और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर चलता है।