तेलंगाना के सूर्यापेट जिले का एक गांव में 70 एकड़ का जंगल है, जिसमें 13 तालाब और फलों से लदे हुए कई पेड़ हैं। इस ज़मीन के एकमात्र संरक्षक हैं दुशरला सत्यनारायण, जो दशकों से अपनी पुश्तैनी जमीन की देखरेख कर इकोसिस्टम बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
बिहार के बेगूसराय की रहनेवाली सिन्नी सोश्या, पटना में एक आर्ट स्टूडियो चलाती हैं और इसके जरिए 15 और लोगों को रोजगार भी दिया है। कभी डॉक्टर बनने का सपना देखनेवाली सिन्नी ने अपने हुनर को ही अपनी पहचान बना ली है।
भारत की वरिष्ठ कथाकार गीतांजली श्री के उपन्यास, 'रेत समाधि’ के अंग्रेजी अनुवाद 'टॉम्ब ऑफ़ सैंड' को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की दावेदार किताबों की लिस्ट में शामिल किया गया है।
पिछले साल कोरोना के समय लाखों भारतीयों को सुरक्षित घर लाना हो या इस साल यूक्रेन में छिड़ी जंग से भारतियों को बचाना। पढ़ें भारत के सबसे बड़े पांच एयरलिफ्ट ऑपरेशन्स के बारे में।
कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में बनारस की पूर्णिमा पांडेय ने देश के लिए गोल्ड मेडल जीत लिया है। इससे पहले जेरेमी लालरिनुंगा ने पुरुष वर्ग की वेटलिफ्टिंग में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए गोल्ड जीता था।
साल 1997 में काम की तलाश में उत्तराखंड के एक गांव से लखनऊ आए रंजीत सिंह ने कई छोटे-छोटे काम करने के बाद, साल 2008 में एक ठेले से खुद के बिजनेस की शुरुआत की थी। आज लखनऊ में उनके चार रेस्टोरेंट्स हैं।
पद्म श्री सम्मान से कई विभूतियों को सम्मानित किया गया, उन्हीं में से एक हैं कर्नाटक के होनाली गांव की रहनेवाली तुलसी गौड़ा। पढ़ें खेतों की पगडंडी से पद्मश्री तक के सफर की कहानी।
अभिनेता आर माधवन के बेटे वदेंत ने हाल ही में बेंगलुरू में बसावनगुडी एक्वेटिक सेंटर में आयोजित 47वीं जूनियर नेशनल एक्वेटिक चैंपियनशिप 2021 में सात पदक जीते हैं।
72 साल की जयश्री राव ने साल 2007 में 25 हजार रुपये में अपनी कंपनी बेच दी थी और एनजीओ ‘ग्रामपानी’ की शुरुआत की। उन्होंने महाराष्ट्र के 200 गांव में शासन प्रणाली में सुधार कर 1.22 लाख लोगों को फायदा पहुंचाया है।
अपनी माटी के लिए कुछ करने की खातिर, देवभूमि उत्तराखंड की शिवानी ने सात समंदर पार की नौकरी को भी ठुकरा दिया। आज वह अपनी बेहतरीन चित्रकारी की वजह से लोगों के बीच एक चर्चित चेहरा बन चुकी हैं।