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एक चम्मच इतिहास ‘लिट्टी-चोखा’ का!

चंद्रगुप्त मौर्य मगध के राजा थे, जिनकी राजधानी पाटलिपुत्र वर्तमान में पटना है। लेकिन उनका साम्राज्य अफगानिस्तान तक फैला था। इतिहासकारों के मुताबिक चंद्रगुप्त मौर्य के सैनिक युद्ध के दौरान अपने साथ लिट्टी चोखा रखते थे। 18वीं शताब्दी की कई किताबों के अनुसार लंबी दूरी तय करने वाले मुसाफिरों का मुख्य भोजन था लिट्टी चोखा।

ढाई वर्ष, 22 देश, यात्रा में बनाए कई घर, बचाई कई जिंदगियाँ

वसुधैव राइड एक ऐसी यात्रा थी, जिसके तहत प्रशांत और बेन ने मोटर साइकिल से 30 महीने में भारत से नेपाल, तिब्बत, चीन, यूनान, स्कॉटलैंड जैसे 22 देशों की यात्रा कर डाली।

घूम-घूमकर गाँवों में बायोगैस प्लांट लगवा रहीं हैं पटना की आकांक्षा, कई घरों को किया रौशन

By पूजा दास

व्हाट्सएप, फेसबुक और इन्स्टाग्राम के दौर में पटना शहर की रहने वाली आकांक्षा सिंह देश के गाँवों में किसानों की ज़िंदगी बेहतर बनाने में जुटी हुई हैं।

बिहार की बाढ़ से प्रभावित, 10वीं पास बुज़ुर्ग ने बना दी पानी पर चलने वाली साइकिल

61 वर्षीय सैदुल्लाह सालों से पंक्चर बनाने का काम करते हैं और आविष्कारों के जूनून में अपनी 40 एकड़ ज़मीन भी बेच चुके हैं।

दो वक़्त के खाने से लेकर राशन तक, बिहार की यह युवा टोली सुनती है ज़रूरतमंदों की बोली

फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई कर रहीं बिहार के छपरा जिले की मनस्वी ने इस नेक काम का बीड़ा उठाया है और उनका परिवार भी उनके इस काम में सहयोग दे रहा है।

फिल्म बनाने बिहार आए डायरेक्टर, 300 मज़दूरों को रोज़गार देने के लिए बनवा रहे गोबर के गणेशजी

By पुष्यमित्र

लॉकडाउन में घर लौटे जो मजदूर खाली बैठे थे, वे अब रोजाना 450 से लेकर 1800 रुपए तक कमा रहे हैं।

एक डॉक्टर, जिन्होंने मुंबई की चकाचौंध छोड़, चुनी बिहार के गाँव में ज़िंदगियाँ बचाने की राह!

By रोहित मौर्य

गाँव के अस्पताल में नर्सों को ट्रेनिंग देने से लेकर खुद झाड़ू लगाने तक, डॉ तरु ने पूरा कायाकल्प किया जिसके लिए अस्पताल को दो बार अवार्ड भी मिला।

बिहार की सुनीता बाँस और पाइप में उगा रही हैं सब्जियाँ, मशरूम ने बनाया आत्मनिर्भर!

खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ सुनीता अन्य महिलाओं को भी मशरूम उगाने की ट्रेनिंग देती हैं, ताकि उनका भी जीवन संवर सके।

खेती छोड़ पाँच साल तक चलाया ट्रक, वापस लौटकर उन्नत खेती से कमाए लाखों रूपए

बिहार के मुख्यमंत्री भी उनके काम की सराहना कर चुके हैं और किसानों को उनसे प्रेरणा लेने के बारे में कह चुके हैं।

बिहार: रोज़गार देकर प्रवासी मजदूरों का दर्द कम कर रहे हैं पूर्णिया के डीएम राहुल कुमार!

किसी को मास्क बनाने का तो किसी को रंगाई पुताई का काम सौंपा है डीएम राहुल कुमार ने