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कुमार हिमांशु

स्वतंत्र पत्रकार

दोस्तों से उधार लेकर इंजीनियर ने शुरू की खेती, 12 राज्यों के 200 किसानों की बढ़ाई आमदनी

संदीप ने 'फार्मर्स प्राइड' नाम से देश का पहला ऐसा प्रयोग किया है, जो सीधे किसानों की ब्रांडिंग करता है। उनकी एप पर हर प्रोडक्ट के सामने उसे उगाने वाले जैविक किसान का नाम, फोटो और पता लिखा होता है।

खुद अनार उगाते हैं और फिर अपनी बनाई मशीन पर प्रोसेसिंग कर सालाना कमाते हैं लाखों

कड़ी मेहनत के बाद भी फसलों का उचित दाम नहीं मिलने के कारण स्वप्निल ने अनारदाना, जूस, सिरप और जेली जैसे उत्पादों का निर्माण शुरू किया।

7 दिन लगातार जुटकर खुद घर में बनाया सोक पिट, ताकि मोहल्ले में किसीको न हो पानी की कमी

2019 में उन्होंने अपने घर के बाथरूम और किचन को भी इस सोक पिट पाइप के द्वारा जोड़ दिया ताकि इन जगहों पर जो अतिरिक्त पानी बेकार हो जाता है वह पन सोखा में चला जाए जिससे वाटर लेवल बना रहे।

गेंदे के फूल के तेल ने बदली किसान की किस्मत, गरीबी को मिटा ले आये अच्छे दिन

70 वर्षीय किसान समर सिंह अपने बेटों को तो किसान नहीं बना पाए लेकिन वह अपने नाती को प्रशिक्षित करके एक सफल किसान बनाना चाहते हैं।

नारियल किसानों के लिए आय का नया जुगाड़, बनाई एक मिनट में पानी ठंडा करने वाली सस्ती मशीन!

विनोद के इस आविष्कार के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

बिहार की सुनीता बाँस और पाइप में उगा रही हैं सब्जियाँ, मशरूम ने बनाया आत्मनिर्भर!

खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ सुनीता अन्य महिलाओं को भी मशरूम उगाने की ट्रेनिंग देती हैं, ताकि उनका भी जीवन संवर सके।

दिल्ली: वृद्धाश्रम में मुफ्त इलाज और झुग्गियों में रोज़गार पहुंचा रहे हैं AIIMS के डॉ. प्रसून

डॉक्टरों को भले ही भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। दिल्ली स्थित एम्स में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रसून चटर्जी अपने पेशे के साथ-साथ सामाजिक कर्तव्य का निर्वहन करते हए ओल्ड एज होम में रहनेवाले इन बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल कर रहे हैं।

आमदनी बहुत नहीं, पर लावारिस बेज़ुबानों को 20 वर्षों से खाना खिलाते हैं सुजीत

बेजुबानों की भावना हम नहीं समझेंगे तो फिर कौन सुनेगा। हमने उन्हें प्रकृति के विपरित मनुष्य पर निर्भर बना दिया है। आवारा जैसा नाम दे दिए हैं, जो कि बहुत ही गलत भाव है।