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राजस्थान: इस किसान के खेत में है 300+ मोरों का बसेरा; हज़ारों घायल पशु-पक्षियों की कर चुके हैं मदद!

हिम्मताराम का जज्बा देखने लायक है। पूरा परिवार भले ही शहर में रहता हो, वे दिनभर की यात्रा कर रात को खेत में आकर सोते हैं।

छुट्टियों के मज़े के साथ पर्यावरण की रक्षा करते हैं उत्तर-भारत में बसे ये 'होम-स्टे'!

By अलका कौशिक

स्‍वागत है नए दौर में पर्यटन का फलसफा बदलने वाले ऐसे ठौर-ठिकानों में जो जिम्‍मेदार पर्यटन की कहानी के किरदार हैं।

चमकी बुखार से पीड़ित गाँववालों तक राहत पहुंचा रही है बिहार के पत्रकारों की यह टीम!

एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस), जिसे यहां की स्थानीय भाषा में चमकी बुखार कहा जाता है, से अब तक सवा सौ से भी ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है।

80 बरस के रंगमंच गुरु रिटायरमेंट के बाद अब नेत्रहीन बच्‍चों को सिखाने में जुटे हैं थियेटर के रंग

By अलका कौशिक

दिनभर वर्कशॉप में उन्‍हें तल्‍लीनता से जुटे देखकर यह वाकई सच लगता है कि उम्र बस एक आंकड़ा भर है।

पहचान छुपाकर नहीं बताकर किया संघर्ष; पंजाब यूनिवर्सिटी में बनवाया पहला ट्रांसजेंडर बाथरूम!

यह समाज थर्ड जेंडर को बिल्कुल जगह नहीं देना चाहता था। लेकिन धनंजय ने अपने संघर्ष से जीत हासिल की।

'वन मैन आर्मी' : 1 गुलमोहर से 511 पेड़ लगाने तक, बिना किसी मदद के जारी है पर्यावरण संरक्षण की मुहिम!

By निशा डागर

हर रविवार सुबह 6:30 बजे से लेकर 9: 30 बजे तक वे अपना पूरा समय पेड़-पौधों को देते हैं।

इनके कार्ड की मांग है विदेशों में भी, एक इनोवेटिव आइडिया ने किया कमाल, कार्ड बना रूमाल!

By निशा डागर

पिछले 25 वर्षों से वे पुणे में 'उगम कॉपियर्स' के नाम से फोटोकॉपी और प्रिंटिंग का व्यवसाय चला रहे हैं।

उत्तराखंड के इस सरकारी स्कूल को इस शिक्षक ने बनाया 'पहाड़ का ऑक्सफोर्ड'!

By Sanjay Chauhan

अब तक 40 हजार से अधिक पेड़ लगा चुके रुद्रप्रयाग जनपद के राजकीय प्राथमिक विद्यालय, कोट तल्ला के शिक्षक सतेंद्र सिंह भंडारी ने पर्यावरण संरक्षण का जो अभियान शुरू किया, वह आज भी जारी है।

इस महिला के हौसलों ने दी बाड़मेर को अंतरराष्ट्रीय पहचान, घूँघट से निकल तय किया रैंप वॉक का सफ़र!

By निशा डागर

आज रुमा देवी के साथ 22, 000 से भी ज़्यादा महिला कारीगर जुड़ी हुई हैं।