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बाढ़ में डूबा बिहार, पानी में तैरकर, कीचड़ में उतरकर मदद पहुंचा रहे हैं ये युवा!

चन्दे के पैसों और भिक्षा में सामान मांग कर बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचा रहे मदद

GATE या JEE पास किये बिना भी अब IIT में पढ़ सकते हैं, जानिए कैसे!

By निशा डागर

यदि आप अपने रेग्युलर कोर्स के बीच में भी इस कोर्स में दाखिला लेकर यहाँ इसे एक सेमेस्टर पढ़ते हैं तो आपके रेगुलर कोर्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि इस एक सेमेस्टर के आपको क्रेडिट मार्क्स दिए जायेंगें।

सरपंच ने गाँववालों से लगवाए 5 लाख पौधे, अब गाँव की हर बेटी के नाम है लाखों की एफडी!

इस गाँव में जन्म लेने वाली हर कन्या के नाम पर उसके परिजनों और ग्रामीणों द्वारा 111 पौधे लगाए जाते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अब तक 93,000 से अधिक पौधे पेड़ बन चुके हैं।

इस घर में न पंखा है न एसी; हर साल करते हैं 'एक लाख लीटर' पानी की बचत!

घर के बाहर एक ‘रीचार्ज वेल’ (कुआं) भी है, जो पानी की नाली से जुड़ा है। यह सालाना औसतन एक मिलियन लीटर पानी रीचार्ज करता है।

केवल 250 रुपये में बनायें अपना 'रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम', 10 मिनट में बचायें 225 लीटर पानी!

By निशा डागर

इस रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाने के लिए किसी प्लम्बर या एक्सपर्ट की ज़रूरत नहीं है। यह आप अपने घर पर खुद ही बना सकते हैं।

इंदिरा गाँधी से लेकर ऐश्वर्या राय तक ने पहनी हैं इस छोटे से टापू पर बसे गाँव में बनी साड़ियाँ !

इन साड़ियों को पहली बार तब राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली, जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इन्हें पहनना शुरू किया। इन साड़ियों को बनाने वाले कई कारीगरों को भारत के नागरिक पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

न बिजली, न पानी, न सड़कें- और फिर एक मेडिकल छात्र के संघर्ष ने बदल दी गाँव की किस्मत!

By निशा डागर

उन्होंने गाँव के विकास को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखे। पर कोई कार्यवाही न होने पर, उन्होंने हाई कोर्ट में गाँव के हालातों को सुधरवाने के लिए याचिका डाली।