इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य सरकारें भी आकर्षक सुविधाएं दे रही हैं। जानिए उन खास योजनाओं के बारे में, जिनसे आप लाखों रुपये बचा सकते हैं।
पुणे के आर्किटेक्ट दम्पति, सागर शिरुडे और युगा आखरे पर्यावरण ने प्राकृतिक और स्थानीय वस्तुओं से चार महीने में तैयार किया अपने लिए दो मंजिला मिट्टी का घर।
सी एम नागराज, बेंगलुरु के गवर्नमेंट हाई स्कूल डोड्डबनहल्ली में स्कूल टीचर हैं। हाल ही में पर्यावरण बचाने की उनकी पहल के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
कच्छ की रहने वाली राजीबेन वांकर प्लास्टिक वेस्ट से बनाती हैं अलग-अलग प्रोडक्ट्स। कभी मजदूरी करने वाली इस महिला ने कैसे शुरू किया खुद का ब्रांड। जानना चाहेंगे?
दिल्ली के अनीश और अल्का शर्मा ने अपनी दोस्त पूजा पूरी के साथ मिलकर, पिछले डेढ़ साल से बागपत जिला की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के काम में लगे हैं। वे अपने NGO PKU CARE FOUNDATION के तहत इन महिलाओं और उनके बच्चों को शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग से से भी जोड़ रहे हैं।
एक बड़ी प्रसिद्ध कहावत है ‘चिंता, चिता के समान होती है।’ लेकिन यह कहावत इन दो भाइयों पर नहीं बैठती फिट, पर्यावरण को लेकर उनकी जरूरत से ज्यादा चिंता ने दिया बिजनेस आइडिया।
क्यों न यह दिवाली, प्रकृति वाली मनाई जाए। अगर आप पहले से ही, गिफ्ट रैपिंग के स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों की तलाश कर रहे हैं, तो हमारे पास आपके लिए एक बेहतरीन उपाय है।