देश के 25 हजार वॉटर डिलीवरी बिज़नेस का काम आसान बनाने का काम कर रहा है इंदौर के दो दोस्त अंकित रांका और अर्पित शारदा का स्टार्टअप Gopaani । पढ़िए कैसे?
तेलंगाना के राजू मुप्पारापु ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है, जो बिजली के बिल में 30% तक की कटौती कर सकता है। इस डिवाइस से उनके राज्य के कई गांवों को मदद मिल रही है।
IIT कानपुर के रिसर्चर डॉ. अर्चना रायचूर और डॉ. नीरज सिन्हा ने एक नैनो एडजोर्बेंट का आविष्कार किया है, जो मिट्टी के बर्तनों में जमा पानी से दूषित पदार्थों को निकालता है।
केन्या के किसान खेती के लिए एक अनोखी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। दरअसल, यहां किसान एग्रीवोल्टिक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह एक प्रक्रिया है, जिसमें जमीन का अधिकतम उपयोग करते हुए सोलर पैनल लगाने और फार्मिंग का काम, दोनों एक साथ एक जगह पर किया जा सकता है।
लखनऊ के रहनेवाले पूर्व NASA इंजीनियर अमिताभ सरन ने एक इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) टेक्नोलॉजी सोल्यूशन कंपनी - Altigreen लॉन्च किया है, भारतीय सड़कों के हिसाब से, नई तकनीक और फीचर्स के साथ कमर्शिअल वाहन बनाता है।
यूके के एक टेक स्टार्टअप, पॉलीमटेरिया ने प्लास्टिक के गुणों को बदलने का एक तरीका खोजा है। इस तकनीक के जरिए अब बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बनाया जा सकता और इसे रीसाइकल भी किया जा सकता है।
पवन ऊर्जा (Wind Energy) का इस्तेमाल करते हुए न्यूयॉर्क में रहनेवाले डिजाइनर, जो डौसेट ने एक विंड टरबाइन वॉल बनाई है, जो एक साल में करीब 10,000 किलो वाट ग्रीन बिजली पैदा कर सकती है।
भारत की मॉबिलिटी टेक कंपनी ‘ईवेज’ (Evage) ने हाल ही में अमेरिका स्थित वेंचर कैपिटल फर्म, रेडब्लू कैपिटल से 28 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। कंपनी फिलहाल, अमेजन इंडिया को Electric Truck की आपूर्ति कर रही है।
IIT Madras के पूर्व छात्र आदित्य वीएस ने अपनी कंपनी ‘Tvasta Manufacturing Solutions’ के तहत, देश के पहले 3डी घर को अंजाम दिया था। अब उनकी इस कोशिश में आनंद महिंद्रा ने भी मदद करने की इच्छा जताई है।
बैटरी क्षमता से लेकर पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव तक, सोडियम-आयन बैटरी हर मायने में लिथियम-आयन से बेहतर है। इसका इस्तेमाल ईवी की कीमतों में काफी कमी ला देगा।