इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इन राज्यों में मिल रही हैं कई सुविधाएं, बचा सकते हैं लाखों रुपये

Electric Vehicles

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य सरकारें भी आकर्षक सुविधाएं दे रही हैं। जानिए उन खास योजनाओं के बारे में, जिनसे आप लाखों रुपये बचा सकते हैं।

देश में आने वाले समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicles) का एक बहुत बड़ा बाजार बनने वाला है। जहां एक तरफ ग्राहकों का रुझान वाहनों के इस सेगमेंट की ओर बढ़ता दिख रहा है, तो वहीं दूसरी ओर कंपनियों के साथ-साथ सरकारें भी ग्राहकों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की खरीद को बढ़ावा देने के लिए नकद प्रोत्साहन की पेशकश की है। उदाहरण के तौर पर, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और तेजी से अपनाने की योजना (FAME-II) – 2019 के तहत, 15,000 रुपये प्रति किलो वाट (kWh) बैटरी क्षमता वाले दोपहिया वाहनों के लिए कुल कीमत का अधिकतम 40% सब्सिडी दे रही है। वहीं, 1.5 लाख रुपये प्रति किलो वाट (kWh) क्षमता वाले चार पहिया वाहनों के लिए, सीधे 10 हजार रुपये का इन्सेंटिव दे रही है।

इसके अलावा, केन्द्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) के लिए जीएसटी रेट भी 5 प्रतिशत से कम रखा है, जो पेट्रोल और डीजल वाहनों के मुकाबले काफी कम है। इतना ही नहीं, अगर आप पहली बार लोन लेकर गाड़ी खरीद रहे हैं, तो इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80EEB के तहत EV खरीदने पर आपको टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक रियायत दी जाती है। 

अगस्त 2021 में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने या रिन्यू करने के लिए शुल्क भुगतान में छूट देने की घोषणा की थी।

इलेक्ट्रिक व्हीकल पर किन राज्यों द्वारा क्या सुविधाएं दी जा रही हैं:

दिल्ली: यहां दोपहिया ग्राहकों को प्रति किलोवाट 5 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है (30 हजार तक)। इसके अलावा, उन्हें रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में भी छूट दी जाती है। यदि कोई चार पहिया वाहन लेता है, तो वह प्रति किलोवाट 10 हजार रुपये की दर से 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी का लाभ उठा सकता है। बताया जा रहा है कि इस योजना का लाभ पहले 1000 इलेक्ट्रिक कारों की खरीद पर ही दिया जाएगा।

यह सब्सिडी किन मॉडलों के लिए दी जाएगी, जानने के लिए यहां क्लिक करें।

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(Image courtesy Dezan Shira & Associates)

गुजरात: यहां पहले 1.1 लाख इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स के लिए प्रति किलोवाट 10 हजार रुपये सब्सिडी दी जा रही है। ग्राहक अधिकतम 20 हजार रुपए का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, वे रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में भी छूट का आनंद ले सकते हैं। वहीं, कार खरीदने वाले पहले 1000 ग्राहकों के लिए प्रति किलोवाट 10 हजार की दर से 1.5 लाख रुपये की रियायत दी जा रही है। साथ ही, उन्हें रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स पर भी छूट मिल रही है।

महाराष्ट्र: यहां राज्य के सभी इलेक्ट्रिक वाहनों को रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन में छूट दी गई है। वहीं, पहले एक लाख ईवी खरीदारों को प्रति किलो वाट 5 हजार रुपये की दर से 1000 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। यदि आप 31 दिसंबर 2021 से पहले 3 किलोवाट बैटरी क्षमता वाले ईवी को खरीदते हैं, तो आपको राज्य सरकार द्वारा 15 हजार रुपये की छूट दी जाएगी। वहीं, स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत भी 7 हजार रुपये की छूट दी जाएगी।

अगर आप महाराष्ट्र में चार पहिया वाहन लेते हैं, तो आपको दिल्ली और गुजरात जैसी सुविधाएं ही मिलेंगी। लेकिन 31 दिसंबर 2021 से पहले खरीदने पर आपको 1 लाख रुपये तक का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। सरकार ने राज्य के सभी आगामी प्रॉपर्टी प्रोजेक्ट्स के लिए ईवी-रेडी पार्किंग की सुविधा को अनिवार्य कर दिया है, जैसे – अपार्टमेंट, सरकारी दफ्तर, स्कूल-कॉलेज आदि।

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(Image courtesy Power Department, Government of West Bengal)

मेघालय: राज्य सरकार द्वारा इस साल के शुरुआत में ‘मेघालय इलेक्ट्रिक वाहन नीति, 2021’ को लागू किया गया। इसके तहत 2025 तक इलेक्ट्रिक वाहनों को 15 फीसदी बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत ग्राहक ऊपर वर्णित समान सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।

पहले 3500 दोपहिया वाहनों के लिए प्रति वाट 10,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। एक्स-फैक्ट्री कीमत के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये का लाभ मिल सकता है। वहीं, पहले 2,500 वाहनों के लिए प्रति किलो वाट 4 हजार रुपये की दर से सब्सिडी दी जाएगी। एक्स-फैक्ट्री कीमत के तहत अधिकतम 15 लाख रुपये का लाभ मिल सकता है। इसके अलावा, दोनों वाहनों के लिए रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन में छूट दी गई है।

असम: इस एक्सप्लेनर के अनुसार, “राज्य में साल 2026 तक 20,000 इलेक्ट्रिक वाहनों को पेश करने की योजना है। जिसमें 1 लाख दोपहिया वाहन, 75 हजार तीन पहिया वाहन और 25 हजार चार पहिया वाहन होंगे। इसके अलावा, ग्राहकों को रजिस्ट्रेशन फीस, रोड टैक्स और पार्किंग शुल्क में छूट का भी लाभ मिलेगा।”

पश्चिम बंगाल: सरकार ने रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट दी है।

राजस्थान: राज्य की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के अनुसार, 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 के बीच ईवी खरीदने वाले सभी खरीदारों का एसजीएसटी (राज्य की ओर से लगने वाली जीएसटी) का पैसा वापस कर दिया जाएगा।

योजना के अनुसार, दोपहिया और तिपहिया वाहन खरीदने पर ग्राहकों को बैटरी की क्षमता के आधार पर  5 से 20 हजार रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। यदि आप 2 किलो वाट बैटरी क्षमता की दोपहिया वाहन लेते हैं, तो आपको 5 हजार रुपये की सब्सिडी मिल सकती है। 2 से 4 किलोवाट के लिए यह राशि 7 हजार है। इस स्कीम में इलेक्ट्रिक कार और एसयूवी को कवर नहीं किया गया है।

तेलंगाना, गोवा और ओडिशा:  तेलंगाना सरकार, राज्य में खरीदे और पंजीकृत किए गए पहले 2 लाख ईवी टू व्हीलर्स और 5 हजार फोर व्हीलर्स को रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट देती है। 

वहीं, गोवा में दोपहिया वाहनों के लिए रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट की घोषणा की गई है। इसके अलावा, ओडिशा में भी सभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इस सुविधा की घोषणा की गई है। साथ ही, यह भी ऐलान किया गया है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सौ फीसदी लोन उपलब्ध कराया जाएगा।

कर्नाटक: कर्नाटक में इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वाले, FAME-II स्कीम के तहत केंद्र सरकार से सब्सिडी पाने के योग्य हैं। हालांकि, इसके तहत ग्राहकों को वैसी सब्सिडी नहीं दी जाती है, जैसा कि दिल्ली या महाराष्ट्र में मिलती है, लेकिन रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस से छूट की सुविधा इसके तहत भी दी जाती है। 

आंध्र प्रदेश: यहां भी रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट दी गई है।

और अधिक प्रयास की है ज़रूरत

सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) को बढ़ावा देने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है। तत्कालीन केन्द्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने 9 अगस्त 2021 को संसद में बताया था कि, फिलहाल आंध्र प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मेघालय, गुजरात, पश्चिम बंगाल जैसे सिर्फ 13 राज्यों में ही इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नीतियां पारित या अधिसूचित की गई हैं। 

ऐसे में जलवायु परिवर्तन की उभरती चुनौतियों और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को देखते हुए, अधिक से अधिक राज्यों को इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सामने आना होगा। साथ ही, एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर, सिटी बसों और टैक्सियों को भी 100 फीसदी इलेक्ट्रिक मोड पर चलाने के लिए तकनीकी और आर्थिक पहलुओं को व्यवहारिक बनाना होगा।

‘कार देखो’, जो कि देश की एक प्रमुख कार सर्च वेंचर है, के हवाले से इस एक्सप्लेनर में लिखा गया है, “हर योजना में लाभार्थियों की संख्या सीमित है और देश में बिकने वाली सभी इलेक्ट्रिक कारें इसके दायरे में नहीं हैं। आज इम्पोर्टेड इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइब्रिड पर भारी टैक्स लगाए जा रहे हैं, जिससे किफायती इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की राह और मुश्किल हो गई है।”

मूल लेख – रिनचेन नोर्बू वांगचुक

संपादन- जी एन झा

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