वडोदरा की एम.एस यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही 27 वर्षीया सुमी हलदर ने कमल की डंडी से ईको-फ्रेंडली कपड़ा (Organic Fiber) तैयार किया है। अब वह इसे एक व्यवसायिक रूप देने के लिए, दूसरी महिलाओं को भी यह काम सीखा रहीं हैं ताकि उन्हें भी रोजगार मिल सके।
छत्तीसगढ़ के 30 वर्षीय आसिफ खान ने ‘बैम्बूका’ नाम की ईको-फ्रेंडली साइकिल बनाई है। बस्तर के आदिवासी जिले से होने के कारण, उन्होंने पारंपरिक हस्तकला को बढ़ाने और आदिवासियों को रोजगार देने के लिए यह आविष्कार किया था।
गुजरात के मशहूर सासन गिर में एक भी पेड़ को नुकसान पहुंचाए बिना किसान धनजीभाई पटेल ने एक ऐसा रिसोर्ट बनाया है, जहां उनके परिवार वाले खुद मेहमानों को जैविक भोजन बनाकर खिलाते है।
अगर आप भी एक नया टू-व्हीलर खरीदने की तैयारी कर रहे हैं, तो सिंपल एनर्जी का यह E-Scooter, आपकी सभी जरुरतों को पूरा कर सकता है। पढ़ें क्या है इसकी खासियत।
शिक्षिका ममता मेहता ने अपने स्तर पर एक मुहिम की शुरुआत की थी, जिससे शहर के 40 प्रतिशत लोग जुड़े और अब महाराष्ट्र के महाड शहर से हर महीने तकरीबन एक टन प्लास्टिक वेस्ट रीसायकल होने के लिए भेजा जाता है।
तमिलनाडु में चेन्नई के महिंद्रा वर्ल्ड सिटी में चाय का स्टॉल चलाने वाले एस. दामोदरन पिछले छह महीने से सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिस कारण छह महीने से उन्हें न तो बिजली की समस्या हुई है और न ही बिजली के लिए कहीं और पैसे खर्चने पड़े हैं।
ईंधन और रख-रखाव की कम लागत के साथ पर्यावरण को प्रदुषित होने से बचाने तक, ऐसे बहुत से कारण हैं, जो आपको इलेक्ट्रिक टू व्हीलर खरीदने के लिए मजबूर कर देंगे।