Powered by

Latest Stories

Homeइको-फ्रेंडली

इको-फ्रेंडली

कमल से बन रहे हैं यहाँ कमाल के कपड़े, सुमी के आविष्कार ने दिलाया कइयों को रोज़गार

By प्रीति टौंक

वडोदरा की एम.एस यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही 27 वर्षीया सुमी हलदर ने कमल की डंडी से ईको-फ्रेंडली कपड़ा (Organic Fiber) तैयार किया है। अब वह इसे एक व्यवसायिक रूप देने के लिए, दूसरी महिलाओं को भी यह काम सीखा रहीं हैं ताकि उन्हें भी रोजगार मिल सके।

छत्तीसगढ़: सोशल वर्कर ने किया बैम्बू साइकिल का आविष्कार ताकि आदिवासियों को मिले रोज़गार

By प्रीति टौंक

छत्तीसगढ़ के 30 वर्षीय आसिफ खान ने ‘बैम्बूका’ नाम की ईको-फ्रेंडली साइकिल बनाई है। बस्तर के आदिवासी जिले से होने के कारण, उन्होंने पारंपरिक हस्तकला को बढ़ाने और आदिवासियों को रोजगार देने के लिए यह आविष्कार किया था।

गिर जंगल के बीच, एक भी पेड़ काटे बिना, किसान ने बनाया गज़ब का रिसॉर्ट

By प्रीति टौंक

गुजरात के मशहूर सासन गिर में एक भी पेड़ को नुकसान पहुंचाए बिना किसान धनजीभाई पटेल ने एक ऐसा रिसोर्ट बनाया है, जहां उनके परिवार वाले खुद मेहमानों को जैविक भोजन बनाकर खिलाते है।

‘मेड इन इंडिया’ Electric Scooters, सिंगल चार्ज में 240 किमी की रेंज का दावा

अगर आप भी एक नया टू-व्हीलर खरीदने की तैयारी कर रहे हैं, तो सिंपल एनर्जी का यह E-Scooter, आपकी सभी जरुरतों को पूरा कर सकता है। पढ़ें क्या है इसकी खासियत।

सदियों से भारत में बन रहे हैं Sustainable Homes, गुजरात के ये पारंपरिक घर हैं गवाह

By प्रीति टौंक

पढ़ें कैसे बनाये जाते थे गुजरात के ये हेरिटेज होम (Traditional Homes), जो Sustainable Homes का हैं बेहरतीन नमूना।

कच्छ का रण: जानिए 4000+ सोलर पैनल से कैसे आबाद हुआ ‘नमक का रेगिस्तान’

गुजरात स्थित कच्छ का रण में ‘अगरिया समुदाय’ के लोग सदियों से नमक की खेती कर रहे हैं। सौर ऊर्जा के इस्तेमाल ने इन किसानों को एक नई उम्मीद दी है।

लखनऊ: मिट्टी से बनाया ऑफिस, बिजली बिल आता है मात्र 350 रुपये

By प्रीति टौंक

लखनऊ के युवा आर्किटेक्ट अनंत कृष्णा ने मिट्टी की पुताई और लकड़ी की गुंबददार छत से 300 स्क्वायर फ़ीट के ऑफिस को पारम्परिक और ईको-फ्रेंडली लुक दिया है।

इस महिला ने की एक पहल और शहर के 40% लोग आए साथ, अब जीरो वेस्ट सिटी बनने की ओर अग्रसर महाड

By प्रीति टौंक

शिक्षिका ममता मेहता ने अपने स्तर पर एक मुहिम की शुरुआत की थी, जिससे शहर के 40 प्रतिशत लोग जुड़े और अब महाराष्ट्र के महाड शहर से हर महीने तकरीबन एक टन प्लास्टिक वेस्ट रीसायकल होने के लिए भेजा जाता है।

बिना बिजली कनेक्शन भी इस चाय की स्टॉल में जलती हैं 9 लाइटें, चलता है FM रेडियो

By निशा डागर

तमिलनाडु में चेन्नई के महिंद्रा वर्ल्ड सिटी में चाय का स्टॉल चलाने वाले एस. दामोदरन पिछले छह महीने से सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिस कारण छह महीने से उन्हें न तो बिजली की समस्या हुई है और न ही बिजली के लिए कहीं और पैसे खर्चने पड़े हैं।

क्या आप भी इलेक्ट्रिक बाईक खरीदने का मन बना रहे हैं? जानिए इसे खरीदने के पांच फायदे

ईंधन और रख-रखाव की कम लागत के साथ पर्यावरण को प्रदुषित होने से बचाने तक, ऐसे बहुत से कारण हैं, जो आपको इलेक्ट्रिक टू व्हीलर खरीदने के लिए मजबूर कर देंगे।