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पुरानी बेकार पड़ी चीज़ों से बनाते हैं अलौकिक इमारतें, मिलिए गोवा के अनोखे आर्किटेक्ट से

गोवा के सबसे पुराने किलों में से एक रीस मैगोस किला एक लंबे अरसे से खंडहर था। यहाँ के अधिकारियों ने इसके जीर्णोद्धार की जिम्मेदारी जेरार्ड को सौंपी। आज यह गोवा के इतिहास को दर्शाने वाला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।

बर्तन धोने से पाएं छुटकारा, घर पर ऐसे बनाएं साल, केला या पलाश के पत्तों से प्लेट और कटोरी

By निशा डागर

अगर आपके आस-पास काफी ज्यादा मात्रा में ये पत्ते उपलब्ध हैं तो आप घर से इस इको-फ्रेंडली क्राकरी का छोटा-सा बिज़नेस भी शुरू कर सकते हैं!

पिछले 27 सालों में पानी के लिए एक भी रूपया नहीं चुकाया है विशाखापट्टनम की इस कॉलोनी ने

By पूजा दास

सोसाइटी वालों की इस पहल के चलते उन्हें केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की ओर से एक लाख रूपए का पुरस्कार भी मिला है।

अहमदाबाद की कंपनी ने बनाया सूखे और गीले कचरे को अलग करने वाला रोबोटिक मशीन!

रीसाइक्लिंग की समस्याओं को कम करने और कूड़ा बीनने वालों की सेहत के जोखिम को कम करने के लिए अहमदाबाद स्थित स्टार्टअप ने एक नई टेक्नोलॉजी विकसित की है।

जानिए घर पर बारिश के पानी को बचाने के ये 7 कमाल के आइडियाज!

अलग-अलग घरों के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के अलग-अलग मॉडल उपलब्ध हैं जिन्हें घर की ज़रूरतों के हिसाब से अपनाया जा सकता है।

IBM की नौकरी छोड़ शुरू किया खुद का काम,अब बनातीं हैं ऐसे बर्तन, जिन्हें खा भी सकते हैं आप।

By पूजा दास

ज़रा सोचिए आपको आपकी मनपसंद चॉकलेट आईसक्रीम एक ऐसी कटोरी में दी जाए जो चॉकलेट से ही बनी हो या फिर मज़ेदार सूप पीने के लिए एक खाने योग्य मसालेदार चम्मच दी जाए तो कैसा रहेगा? 

64 वर्षीया शुभांगी की प्लास्टिक फ्री मुहिम, मुफ़्त में बाँट चुकी हैं 35,000 कपड़े के थैले!

शुभांगी ने 2012 से अब तक किसी भी प्रकार के महंगे कपड़े और गहने नहीं ख़रीदे हैं। इस विषय पर वह कहती हैं, “मेरी सहेलियाँ जब भी बाज़ार जाती हैं मुझे साथ चलने को कहती हैं लेकिन अब कपड़ो और गहनों का तो मन ही नहीं करता। जो बचत होती है उन्हें सामाजिक कार्यो में लगा देती हूँ।

बेंगलुरु: जिसे कचरा समझकर जला देते थे लोग, उसी लकड़ी से बना रहे सस्ता, सुंदर व टिकाऊ फर्नीचर!

By पूजा दास

पाइनवुड से बने फर्नीचर बेहद टिकाऊ होते हैं और इन्हें आउटडोर धूप में या बारिश में रखने से ये ख़राब भी नहीं होते।

RO के बेकार पानी को बहने देते हैं? इन महिलाओं से सीखें प्रतिदिन 80 लीटर पानी बचाना!

ये तीनों महिलाएँ आरओ से निकले बेकार पानी को फर्श की सफाई, फ्लश करने, कार धोने और पौधों को पानी देने में प्रयोग करती हैं। 

40% कम खर्चे में बने कर्नाटक के इस इको-फ्रेंडली घर में नहीं पड़ती है एसी की जरूरत!

घर को पूरी तरह हवादार बनाने के लिए वह खिड़कियों और सुराखों का इस्तेमाल करके फनल इफेक्ट का निर्माण करते हैं। आइए जानते हैं कैसे। #SustainableHomes