केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर दिन 25,940 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से सिर्फ 15,384 टन कचरे को ही इकट्ठा करके रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जाता है। बाकी बचा हुआ प्लास्टिक वेस्ट लैंडफिल या फिर समुद्र में जाता है। जिस वजह से हमारे प्राकृतिक संसाधन जैसे मिट्टी-पानी-हवा प्रदूषित हो रहे हैं और समुद्री जीव-जंतु दिन-प्रतिदिन मरते जा रहे हैं। लेकिन अगर कोई हमसे कहे कि हमें कुछ करना चाहिए तो जवाब होता है कि हम अकेले क्या कर सकते हैं?
हमारे समाज की विडम्बना यही है कि हमें बदलाव तो चाहिये लेकिन हम उसके लिए मेहनत नहीं करना चाहते और सोचते हैं कि चंद दिनों में सबकुछ बदल जाए। लेकिन ऐसा नहीं है, बड़ा बदलाव लाने के लिए आपको धैर्य और संयम के साथ छोटे ही सही लेकिन ठोस कदम उठाने होंगे।
बदलाव की पहल हम अपनी छोटी-छोटी आदतों से शुरू कर सकते हैं जैसे कि हम प्लास्टिक क्राकरी का इस्तेमाल न करें। जब भी किसी के घर में कोई आयोजन होता है या फिर किसी भी कैफ़े आदि में स्टील के बर्तन धोने के झंझट से बचने के लिए लोग प्लास्टिक की क्रॉकरी खरीद लाते हैं। एक बार इस्तेमाल करते हैं और फिर कचरे में। क्योंकि बाद में वह प्लास्टिक की क्राकरी किस जीव के पेट में जाकर उसे मार रही है, इससे हमें क्या मतलब? है ना?
हमें प्रकृति के एक-एक अंश से हमें मतलब होना चाहिये क्योंकि मानव-जीवन प्रकृति पर निर्भर है। और तो और प्रकृति ने हमें हमारे इस्तेमाल के लिए हर चीज़ दी है। यहाँ तक कि प्लास्टिक क्रॉकरी का विकल्प भी। जी हाँ, बहुत से ऐसे पेड़ हैं जिनके पत्तों से आप प्लेट, कटोरी आदि बना सकते हैं। इन्हें एक बार इस्तेमाल करके अगर आप कहीं मिट्टी में दबाएंगे तब भी यह हानिकारक नहीं है। बल्कि यह गल-सड़ के खाद का ही काम करते हैं।
आज हम आपको बता रहे हैं कि आप कैसे घर पर ही साल, पलाश, केला या फिर किसी भी ऐसे पत्तों से प्लेट-कटोरी बना सकते हैं जो आकार में थोड़े चौड़े हों और मुलायम भी।
1. केले के पत्ते:
हमारे देश में केले के पेड़ काफी मात्रा में पाए जाते हैं। केले के पत्तों को दक्षिण भारत में सदियों से खाना खाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इस परंपरा को पूरे भारत में अपनाया जा सकता है। प्लेट के तौर पर केले के पत्ते को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है।
आपको सबसे पहले केले का पत्ता लेना होगा और इसे सामान आकर के टुकड़े में बांट दें। टुकड़े इतने बड़े हों कि उन पर खाना परोसा जा सके।
इन टुकड़ों को अच्छे से पानी से धो लें और फिर कपड़े से पोंछ लें या फिर सुखा लें और इस तरह आपका केले के पत्ते का प्लेट तैयार है जिसे आम भाषा में ‘पत्तल’ भी कहा जाता है।
कैसे बनाएं कटोरी:
केले के पत्तों से कटोरी बनाना भी आसान है। इसमें आप कोई भी लिक्विड डिश जैसे सब्ज़ी, खीर आदि खा सकते हैं या फिर पानी पीने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
1. सबसे पहले केले के पत्ते को अच्छे से धो-पोंछ लें।
2. अब इस पत्ते को दो भागों में बाँट लें और इन्हें लगभग 30 मिनट तक पानी में उबालें। अब इसे पानी से निकालकर ठंडा होने और सूखने के लिए रख दें।
3. दोनों, पत्तों में से समान आकर के टुकड़े काट लें।
4. अब टुकड़े के एक तरफ के दोनों कोनों को साथ में मिलाकर स्टेपल से पिन-अप कर दें, जैसे कि तस्वीर में दिखाया गया है।
5. इसके बाद, दूसरी तरफ के कोनों को भी मिलाकर पिन-अप कर दें।
6. आपकी कटोरी तैयार है, अब आप इसमें कुछ भी परोस सकते हैं।
किफायती होने के साथ-साथ सबसे अच्छी बात यह है कि केले का पत्ता इको-फ्रेंडली है।
इसके अलावा, एक और तरीके से आप कटोरी बना सकते हैं:
1. इसके लिए सबसे पहले केले के पत्ते का एक टुकड़ा लीजिये और इसे अच्छे से साफ़ कर लीजिये।
2. अब इसके ऊपर कोई छोटी प्लेट या कटोरी रखकर उतना हिस्सा गोलाई में काट लीजिये।
3. इस गोलाकार हिस्से को चार सिरे मार्क कर लीजिये।
4. अब हर एक सिरे को हल्का-हल्का सा मोड़कर किसी पतली डंडी/टूथपिक या फिर स्टेपल से पिन-अप कर दें।
5. आपकी प्लेट कम कटोरी तैयार है।
आप यह वीडियो भी देख सकते हैं:
2. साल के पत्तों से:
आदिवासी बहुल इलाकों में आपको हर घर में साल के पेड़ों से पत्तल और कटोरियाँ बनतीं दिखेंगी, जिन्हें वह ‘खलीपत्र’ कहते हैं। यह वहां के आदिवासियों की कमाई का ज़रिया भी है। अच्छी बात यह है कि कई जगह प्रशासन ने प्लास्टिक पर रोक लगा खलीपत्र के चलन को बढ़ावा दिया है। लेकिन अगर आपके आस-पास खली पत्र नहीं मिलते हैं तो आप खुद घर पर कैसे यह बना सकते हैं, इसकी जानकारी हम आपको दे रहे हैं।
कटोरी बनाने के लिए:
1. सबसे पहले साल के दो पत्ते लें।
2. पहले पत्ते को सीधा रखें और अब इसके ऊपर, दूसरे पत्ते को रखें।
3. दोनों पत्तों के जो कोने बाहर निकल रहे हैं उन्हें अंदर की तरफ मोड़ कर पिन-अप कर दें।
4. पिन-अप करने के लिए आप टूथपिक या फिर किसी बहुत पतली सूखी डंडी जैसे कि चीड़ की डंडी का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर आप सूई-धागे से भी सिल सकते हैं।
5. अब चारों कोनों पर ध्यान दें। इन्हें हल्का-हल्का सा मोड़कर वहीं पर पिन-अप करें।
6. आपकी कटोरी तैयार है।
दो की जगह आप एक पत्ते से भी यह बना सकते हैं।
* सबसे पहले पत्ते को अच्छे से साफ़ करें।
* अब इसके एक सिरे को मोड़कर पिन-अप करें, जैसा कि तस्वीर में दिखाया गया है।
* अब दूसरे सिरे को मोड़िये और पिन-अप कर दीजिए।
* आपकी कटोरी तैयार है।
पत्तल/प्लेट बनाने के लिए:
1. पत्तल बनाने के लिए आपको 6-7 पत्ते चाहिए।
2. सबसे पहले इन पत्तों को एक-दूसरे के ऊपर रखकर प्लेट का आकर दीजिए, जैसा कि तस्वीर में दिखाया गया है।
3. अब सबसे पहले तीन पत्तों को साथ में लीजिये और तीनों को सूई-धागे या फिर किसी टहनी की मदद से साथ में पिन-अप करें।
4. अब एक-एक कर, प्लेट के आकर के हिसाब से बाकी पत्तों को पिन-अप करते जाइये।
5. आपका प्लेट तैयार है।
आप यह वीडियो देख सकते हैं:
3. पलाश के पत्तों से:
इसके लिए आपको 7-8 पलाश के पत्ते चाहिए। इन्हें अच्छे से साफ़ कीजिये और एक-एक कर इन पत्तों को एक-दूसरे के साथ पिन-अप करते जाइये।
पत्तों को इस तरह से पिन-अप करना है कि यह प्लेट का आकार ले ले।
आप यह वीडियो देख सकते हैं:
तो देर किस बात की। आज ही अपने आस-पास ऐसे पेड़-पौधे तलाशिये जिनसे आप पत्तल आदि बना सकते हैं। अगर आप ढूंढेंगे तो यकीनन आपको ऐसे पेड़ और पत्ते मिल जाएंगे।
इस बार गणपति उत्सव का प्रसाद आप अपने पड़ोसियों को पत्तों से बने पात्रों में भिजवाइए। आपका यह कदम न सिर्फ प्रकृति के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक अहम कदम साबित होगा।
इसके अलावा, अगर आपके आस-पास ऐसे पत्ते काफी ज्यादा मात्रा में उपलब्ध हैं तो आप अपने घर से ही इको-फ्रेंडली क्राकरी का छोटा-सा व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
अगर आप यह #DIY कर रहे हैं तो हमें ज़रूर बताएं और अपने पत्तल-कटोरी की तस्वीरें हमारे साथ साझा करें।
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