बुलू इमाम को बीते 3 दशकों के दौरान, जनजातीय कला को बढ़ावा देने के लिए साल 2019 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जानिए दामोदर घाटी सभ्यता की खोज करने वाले इस पर्यावरण कार्यकर्ता की कहानी
महाराष्ट्र के एक गरीब किसान की बेटी, ऐश्वर्या श्रीकृष्ण पवार ने कनाडा के अल्बर्टा यूनिवर्सिटी में एमएससी के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन दिया और पहले ही एटेम्पट में इंटरव्यू में सलेक्ट हो गईं।
कृषि अवसंरचना कोष योजना के तहत किसानों को कोल्ड स्टोरेज, प्रॉसेसिंग यूनिट्स, वेयरहाउस, पैकेजिंग यूनिट के लिए 3% इंटरेस्ट रेट पर 2 करोड़ रुपये तक का लोन दिया जाता है।
कभी मज़दूरी करने वाली गोरखपुर की कोइला देवी आज एक सफल महिला किसान बन चुकी हैं। बाक़ी किसानों को खेती की बारीकियां समझती हैं और अन्य महिलाओं की भी मदद कर रही हैं।
भारतीयों के लिए चारपाई भले ही कोई नई बात नहीं है, लेकिन अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में यह बिल्कुल ही नया कॉन्सेप्ट है, जो पिछले कुछ सालों से उनके बीच मशहूर हो रहा है।
बुरहानपुर के आदिवासी बाहुल्य झांझर गांव में करीब दस साल पहले तक रूढ़िवादी सोच के चलते बेटियां पांचवीं क्लास से आगे नहीं पढ़ पाती थीं। लेकिन एक महिला ने अकेले दम पर इस आदिवासी समाज में शिक्षा की लौ जला दी है। कमलाबाई ने इन हालातों को बदलने का बीड़ा उठाया और आज गांव की 50 से ज़्यादा बेटियां स्कूल और कॉलेज तक में पढ़ाई कर रही हैं।
ड्यूक ऑफ कैम्ब्रिज विलियम ने पृथ्वी को बचाने की कोशिश कर रहे लोगों को सम्मानित करने के लिए 'इको-ऑस्कर’ पुरस्कार शुरू किया। भारत के दो स्टार्टअप्स 'फूल' व 'खेती' इस अवॉर्ड के फाइनल में पहुंच चुके हैं।