प्रतिष्ठित ‘इको-ऑस्कर’ सम्मान के फाइनल में पहुंचे दो भारतीय स्टार्टअप्स
2020 में जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पोते प्रिंस विलियम ने "अर्थशॉट पुरस्कार" की शुरुआत की।
इस साल दो भारतीय स्टार्टअप्स, 'Phool' और 'Kheyti' इस अवॉर्ड के फाइनल राउंड में पहुंचे हैं।
मंदिर, दुकानों जैसी जगहों से फूलों को इकट्ठा कर उनकी प्रॉसेसिंग करके ख़ुशबूदार अगरबत्ती, धूपबत्ती जैसे प्रोडक्ट्स बनाने वाले बायोमैटेरियल स्टार्टअप, Phool से हज़ारों ग्रामीण महिलाओं को रोज़गार मिला है।
Phool या Phool.co की शुरुआत इंजीनियरिंग के छात्र रहे अंकित अग्रवाल ने साल 2017 में की थी।
फूलों के कचरे को नदियों आदि जगहों पर बहाने के बजाए, इस स्टार्टअप ने उनका इस्तेमाल कर पेटेंट ऑर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र्स और चारकोल मुक्त लग्ज़री धूपबत्ती जैसे प्रोडक्ट्स बनाये।
ये प्रोडक्ट्स लोगों को बेहद पसंद आ रहे हैं। साथ ही ये पर्यावरण के लिए भी लाभदायक हैं।
Kheyti के सह-संस्थापक और सीईओ कौशिक कप्पगंतुलु ने लगभग 100 मिलियन छोटे किसानों की मदद करने के लिए इस स्टार्टअप को लॉन्च किया था।
उनका प्रोडक्ट 'ग्रीनहाउस इन वन बॉक्स' अप्रत्याशित तत्वों और विनाशकारी कीटों से फसलों को बचाता है। यह स्टार्टअप किसानों को ग्रीनहाउस में खेती करने की ट्रेनिंग भी देता है।
Phool और Kheyti, अगले महीने बोस्टन में होने वाले दूसरे वार्षिक अर्थशॉट पुरस्कार समारोह में GBP 1 मिलियन पुरस्कार प्राप्त करने की प्रतियोगिता में 15 विश्वव्यापी परियोजनाओं में शामिल हैं।
पहली बार दिए गए अर्थशॉट पुरस्कारों के विजेताओं की लिस्ट में भारतीय बिज़नेस 'टकाचार' भी शामिल है। इसे पिछले साल 'क्लीन आवर एयर' श्रेणी में बायो-कचरे को बिकने लायक ईंधन में बदलने के लिए यह पुरस्कार दिया गया था।