कोटा, राजस्थान की रहने वाली पारुल सिंह को सात साल पहले तक गार्डनिंग की कोई जानकारी नहीं थी। न ही वह कोई पौधा उगाती थीं। लेकिन एक बार अपने बेटे के एक सवाल का जवाब देते हुए, उन्हें गार्डनिंग का ऐसा शौक
कहते हैं, रंगों की अपनी भाषा होती है! लेकिन क्या कोई रंग किसी शहर की पहचान भी बन सकता है? आइये जानते हैं भारत के उन शहरों के बारे में, जिनकी पहचान वहां की भाषा और भोजन नहीं बल्कि उनके रंग है।
कुछ अद्भुत और विश्व प्रसिद्ध भारतीय कलाओं को GI टैग भी मिल चुका है, जो भारत का गौरव बढ़ाती हैं। चलिए जानते GI टैग प्राप्त इन कलाओं के बारे जिन्हें देखकर आप भी कहेंगे, 'वाह!'