भारत में मोगरा (Mogra) काफी लोकप्रिय फूल है। महिलाएं इसका इस्तेमाल गजरे से अपने बालों को सजाने के लिए करती हैं। फूल की महक इतनी लाजबाव होती है कि इसका इस्तेमाल सुगंधित अगरबत्ती बनाने में भी किया जाता है।
अनोखी खुशबू के अलावा, मोगरे (Mogra) का फूल कई औषधीय गुणों से भी भरपूर है। इसके जरिए त्वचा और बालों से जुड़ी कई परेशानियों को खत्म किया जा सकता है। यह एक नेचुरल डियोड्रेंट है। इसे नारियल के तेल के साथ इस्तेमाल करने से आपको ड्राई स्कीन की समस्या से छुटकारा मिल सकती है। इसके 10-15 फूलों को रात भर पानी में भिगोकर, बाल धोने से बाल मुलायम और मजबूत होते हैं।
आइये जानते हैं कि आप इसे गमले में कैसे उगा सकते हैं और इसी खूबसूरती का आनंद उठा सकते हैं।
जोधपुर में अपने घर में 7000 से अधिक फूलों की बागवानी करने वाले रवींद्र काबरा बताते हैं, “घर में मोगरे का फूल लगाने से आपका प्रकृति से एक अद्भुत जुड़ाव होगा और इसकी खुशबू से घर में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। इससे आपको अपनी तमाम परेशानियों को भूलकर, एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।”
रवींद्र के अनुसार, मूल रूप से मोगरा (Mogra) एक लता है, लेकिन इसे एक पेड़ की तरह भी उगाया जा सकता है। इसे देश के किसी भी हिस्से में, गमले में उगाना आसान है।
वह कहते हैं, “यदि आप इसे पौधे की तरह उगाते हैं, तो फूल तोड़ना आसान होता है। लेकिन लता अधिक ऊपर हो जाने के कारण, ऊपरी हिस्से में लगे फूल को तोड़ने में थोड़ी मुश्किल होती है।”
कैसे तैयार करें पौधा
रवींद्र बताते हैं कि मोगरे के पौधे (Mogra Plant) को नर्सरी से खरीदने के साथ ही, कटिंग से भी आसानी से तैयार किया जा सकता है।
वह बताते हैं कि बट मोगरा, हाथी मोगरा जैसी सात-आठ प्रजातियां काफी चलन में हैं। यदि आप पौधे के नर्सरी से खरीद रहे हैं, तो देख लें कि उसमें पहले से फूल लगे हुए हैं। नहीं तो खराब क्वालिटी का पौधा मिलने का डर रहता है।
वहीं, यदि आप इसे खुद से ही, कटिंग से तैयार करना चाहते हैं तो इसे कभी भी लगाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए फरवरी का महीना काफी अच्छा है। क्योंकि, इस दौरान सक्सेस रेट 75 से 80 फीसदी रहता है।
रवींद्र कहते हैं, “कटिंग हमेशा कम से कम छह महीने पुरानी टहनी पर करनी चाहिए। कटिंग की लंबाई छह से आठ इंच और मोटाई 12 एमएम, हो तो पौधे को आसानी से लगाया जा सकता है। ध्यान रखें कि टहनी कठोर हो न कि मुलायम, नहीं तो पौधा नहीं लगेगा।”
वह आगे बताते हैं, “एक गमले में सात-आठ टहनी एक साथ लगा दें। इसमें 45 से 60 दिनों में जड़ें विकसित हो जाती है। फिर, सभी पौधों को अलग-अलग गमले में लगा दें। लगाने के एक-डेढ़ महीने बाद, इसमें फूल आने लगते हैं।”
रवींद्र कहते हैं कि पौधों को लगाने के लिए, इसके टिप पर रूट हार्मोन पाउडर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पौधे के लगने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
फूल लगने के लिए सबसे अच्छा मौसम
रवींद्र बताते हैं कि मोगरे (Mogra) में गर्मियों में सबसे ज्यादा फूल लगते हैं। इसके लिए मार्च अंत से लेकर मध्य जुलाई तक का महीना सबसे अच्छा है। जैसे-जैसे बारिश बढ़ती जाती है, इसमें फूल कम होते जाते हैं।
वह कहते हैं कि मोगरे के लिए हर दिन दो-तीन घंटे की धूप जरूरी है, नहीं तो इसमें फूल न के बराबर लगते हैं।
रवींद्र कहते हैं कि मोगरे को गमले में लगाने के लिए कम से कम 12 इंच का गमला होना चाहिए। सॉइल मिक्सिंग के तौर पर, इसमें 80 फीसदी बगीचे की मिट्टी और 20 फीसदी वर्मी कम्पोस्ट या पुरानी गोबर की खाद का इस्तेमाल किया जा सकता है। ध्यान रखें कि मिट्टी ज्यादा कड़ी न हो, नहीं तो पौधों को बढ़ने में दिक्कत होती है।
गमले में मिट्टी की मात्रा, तीन चौथाई रखें ताकि आपको सिंचाई के दौरान ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
साथ ही, गमले के निचले हिस्से में एक छोटा से छेद कर, ड्रेनेज सिस्टम को भी मजबूत करें। नहीं तो बारिश के दिनों में गमले में अधिक पानी जमा होने लगेगा और इससे पौधे की जड़ें गलने लगेगी।
रवींद्र बताते हैं कि वैसे तो मोगरे (Mogra) में जल्दी बीमारी नहीं लगती है। लेकिन इसमें कभी-कभी टरमाइट लग जाते हैं, जो पौधों के लिए काफी नुकसानदायक होता है। टरमाइट पर जैविक कीटनाशक कारगर नहीं हैं। इसके लिए क्लोरो फायर फोर्स केमिकल का इस्तेमाल ज्यादा फायदेमंद है।
वह बताते हैं कि एक लीटर पानी में पांच बूंद केमिकल मिलाकर, इसे पौधों में दे दें। 10 दिनों के बाद इस प्रक्रिया को फिर से दोहराएं। इस तरह पांच-महीनों तक पौधों को कोई खतरा नहीं रहेगा।
कैसे करें देखभाल
रवींद्र कहते हैं, “मोगरे को साल में तीन बार खाद दें। मार्च के पहले हफ्ते में, फिर करीब डेढ़ महीने के बाद अप्रैल में और आखिरी बार जून में। इससे पौधे में फूल बड़े और ताजा आएंगे।”
वह बताते हैं कि जब पौधा एक-दो साल पुराना हो जाए, तो उसमें बढ़ रही टहनियों को काट दें। इससे पौधे में अधिक फूल आएंगे।
वह कहते हैं, “ट्रिमिंग हमेशा फरवरी में करें, क्योंकि इसके करीब एक महीने के बाद पौधों में फूल लगने का समय होता है। दूसरी बार ट्रिमिंग जुलाई में, फूलों का मौसम ढलने के बाद किया जा सकता है।”
रवींद्र बताते हैं कि गर्मियों में मोगरे (Mogra) में दोनों टाइम पानी देना अच्छा रहेगा। वहीं, सर्दियों में एक दिन के बाद एक दिन पानी देना भी काफी है। वहीं, बारिश के दिनों में गमले में अधिक पानी होने से बचाना जरूरी है।
क्या-क्या चाहिए
- 12 इंच का गमला
- बगीचे की मिट्टी
- वर्मी कंपोस्ट या पुरानी गोबर की खाद
किन बातों का रखें ध्यान
- गमले में अधिक पानी न जमा होने दें।
- पौधों के लिए कम से कम दो-तीन घंटे की धूप जरूरी है।
- कटिंग के लिए सबसे अच्छा मौसम फरवरी है।
- साल में तीन बार (मार्च, अप्रैल और जून में) खाद दें।
- टरमाइट लगने पर क्लोरो फायर फोर्स का इस्तेमाल करें।
इस तरह एक बार मोगरे (Mogra) का पौधा लगाने के बाद, आप इसका आनंद कम से कम 10-12 वर्षों तक ले सकते हैं।
देखें वीडियो –
संपादन- जी एन झा
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