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Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Uttarakhand, India.उत्तर भारत के उत्तराखंड से जुड़ीं पॉजिटिव, सकारात्मक कहानियां, अच्छी ख़बरें, आविष्कार से सम्बंधित ख़बरें, अनजाने नायक जो एक बेहतर कल के लिए प्रयासरत हैं. उत्तराखंड की महिलाओं की कहानियां, जिन्होंने बदलाव की नींव रखी। उत्तराखंड के किसानों को प्रेरित करने वाली प्रगतिशील किसानों की ख़बरें। शून्य से शुरू करके शिखर तक पहुँचने वाले लोगों की कहानियां। छोटे व्यवसाय से अपनी किस्मत बदलने वाले लोगों की प्रेरक कथाएं। \ Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Uttarakhand, India.

कोरोना काल में कुछ ऐसा होगा सफ़र, घूमने के शौक़ीन हो जाएँ तैयार!

By अलका कौशिक

एक दिन ऐसा भी आएगा जब कोरोनाकाल सिर्फ बुरे ख्वाब की तरह बचा रह जाएगा। लेकिन इस बुरे ख्वाब से हमने कुछ सीख हासिल की हैं, आने वाले दिनों में अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी से लेकर सैर-सपाटे पर लागू करेंगे उन्हें। हम ही क्या, समूचा पर्यटन उद्योग इसकी तैयारी में है। आइये जानते हैं कैसा होगा सफर कोविड-19 की प्रेतछाया के बीतने के बाद।

मन की आवाज़ सुन छोड़ी शहरी नौकरी, गाँव लौट बंजर ज़मीन में डाली जान!

नरेन्द्र क्षेत्र के युवाओं के लिए भी स्वरोजगार की नई इबारत लिख रहे हैं। उन्हें देख कई अन्य युवा जैविक खेती की ओर अग्रसर हुए हैं।

उत्तराखंड: नौकरी के साथ अपने छोटे से खेत में जैविक खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं पवन!

By निशा डागर

एक एकड़ से भी कम ज़मीन में पवन ने दाल, रागी, चेरी टमाटर और लैटस जैसी सब्ज़ियों के साथ-साथ लगभग 150 फलों के पेड़ भी लगाएं हैं!

इको-टूरिज्म से बर्ड फेस्टिवल तक: पहाड़ों और जंगलों को सहेजता प्रकृति प्रहरी!

By निशा डागर

यहाँ आपको लगभग 200 किस्मों के पेड़-पौधों के साथ-साथ 125 किस्म की तितलियाँ, और 365 किस्म के पक्षी भी देखने को मिलते हैं!

बेटी की बीमारी ने बदली सोच, फैशन इंडस्ट्री में सुनहरा करियर छोड़, गाँव में करने लगे प्राकृतिक खेती!

By निशा डागर

"हर मुमकिन कोशिश करने के बाद भी हम अपनी बेटी को नहीं बचा पाए। इस दौरान हमें समझ में आया कि सिर्फ पैसे के पीछे भागना ही ज़िंदगी नहीं है।"

रिटायर्ड फौजी की पहल; लॉकडाउन में युवाओं को जोड़ा और बनवा दी 3.5 किलोमीटर सड़क!

लॉकडाउन के दौरान 28 दिन तक 40 युवाओं ने 10 से 12 घंटे नियमित काम कर इस चुनौती को पूरा किया।

पहाड़ी महिलाओं को प्रोसेसिंग के गुर सिखा, उद्यमी बना रहीं हैं यह फ़ूड साइंटिस्ट!

By निशा डागर

"पहले हमारे घरों में माल्टा और निम्बू काफी खराब हो जाते थे लेकिन अब हमें इन्हें प्रोसेस करके जूस, अचार और स्क्वाश जैसी चीजें बनाना आता है। अब हमारे यहाँ कुछ बेकार नहीं जाता।"

गाँव के लोगों ने श्रमदान से बनाए तालाब, 6 गांवों में खत्म हुई पानी की किल्लत!

By निशा डागर

इन गांवों में हर परिवार के पास अब अपना तालाब है और अब उन्हें न तो घरेलू इस्तेमाल के लिए और न ही सिंचाई के लिए परेशान होना पड़ता है!

सुईं-धागे से लिखी सफलता की इबारत और गाँव को बना दिया 'हस्तशिल्प गाँव'!

By निशा डागर

इस गाँव की महिलाएं जो भी उत्पाद बनाती हैं उन्हें 'पहाड़ी हाट' ब्रांड नाम से बाज़ार में उतारा गया है और आज यह उत्पाद न सिर्फ भारत बल्कि जर्मनी, जकार्ता जैसी जगहों पर भी अपनी पहचान बना चुके हैं!

जहाँ किसानों ने कीवी का नाम तक नहीं सुना था, वहाँ 'कीवी क्वीन' बन कमातीं हैं लाखों!

सीता देवी ने कीवी की खेती करने की ठानी तो उन्हीं के गाँव के कुछ लोग उनके हौसले को तोड़ने की साजिश में जुट गए। कुछ कहते थे कि ऐसी फसल कहां होती है, जिसे जानवर नुकसान न पहुंचाएं और कुछ का कहना था कि कीवी विदेशी फल है, परंपरागत फसलों के क्षेत्र में इसकी पैदावार रंग ही नहीं लाएगी।