Powered by

Latest Stories

Homeउत्तराखंड

उत्तराखंड

Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Uttarakhand, India.उत्तर भारत के उत्तराखंड से जुड़ीं पॉजिटिव, सकारात्मक कहानियां, अच्छी ख़बरें, आविष्कार से सम्बंधित ख़बरें, अनजाने नायक जो एक बेहतर कल के लिए प्रयासरत हैं. उत्तराखंड की महिलाओं की कहानियां, जिन्होंने बदलाव की नींव रखी। उत्तराखंड के किसानों को प्रेरित करने वाली प्रगतिशील किसानों की ख़बरें। शून्य से शुरू करके शिखर तक पहुँचने वाले लोगों की कहानियां। छोटे व्यवसाय से अपनी किस्मत बदलने वाले लोगों की प्रेरक कथाएं। \ Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from Uttarakhand, India.

मधुमक्खियों को बचाकर किया जंगल का संरक्षण, तितली-पार्क शुरू कर बढ़ाई उत्तराखंड की शान!

अरुण को सेंक्चुरी एशिया मैगजीन की ओर से 2019 का बेस्ट वाइल्ड लाइफ सर्विस अवार्ड प्रदान किया गया है।

प्लास्टिक वापसी अभियान: 20 सरकारी स्कूल, 5200 छात्र, 555 किग्रा प्लास्टिक वेस्ट!

By निशा डागर

हर एक क्लास में से एक छात्र को 'प्लास्टिक प्रहरी' नियुक्त किया गया और इस तरह से इन 20 स्कूलों में 168 प्रहरी नियुक्त हुए!

देहरादून: सात दोस्तों ने मिलकर लगाया जनता फ्रिज, मिटाते हैं गरीबों की भूख, प्यास!

फ्रिज की कीमत चुकाने के लिए ये सातों दोस्त अपनी तनख्वाह से प्रति माह दो हजार रुपये कटा रहे हैं।

इस दंपति ने 26, 500 बेकार प्लास्टिक की बोतलों से बनाया पहाड़ों में होमस्टे!

By निशा डागर

दीप्ति और अभिषेक ने तय किया है कि जो भी यात्री यहाँ पर रुकेंगे और यहाँ घूमते हुए या फिर ट्रैकिंग के वक़्त प्लास्टिक वेस्ट को इकट्ठा करके वापिस लायेंगे, उन्हें वे 10 से 20% का डिस्काउंट भी देंगे!

भैंस-बकरी चराने वाले बच्चे आज बोलते हैं अंग्रेज़ी, एक शिक्षक की कोशिशों ने बदल दी पूरे गाँव की तस्वीर!

By निशा डागर

अल्मोड़ा जिले से लगभग 50-60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गाँव तक पहुँचने के लिए आपको सड़क मार्ग के आलावा, छह किमी का पैदल पहाड़ी रास्ता और एक नदी भी पार करनी पड़ती है!

कहानी उन शिक्षक की, जिनकी विदाई पर रो पड़ी पूरी केलसू घाटी!

By Sanjay Chauhan

"मेरे पास आपको देने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन एक वादा है आपसे कि केलसू घाटी हमेशा के लिए अब मेरा दूसरा घर रहेगा। आपका यह बेटा लौट कर आएगा। आप सब लोगों का तहेदिल से शुक्रिया। मेरे प्यारे बच्चों हमेशा मुस्कुराते रहना। आप लोगों की बहुत याद आएगी।"