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महिला सशक्तिकरण

जानिये कैसे! ‘ऑल-विमन कैंटीन’ ने बढ़ाया 3 हजार रूपये के बिजनेस को 3 करोड़ रूपये/वर्ष तक

By प्रीति महावर

मुंबई में साल 1991 में एक ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत ‘श्रमिक महिला विकास संघ’ ने 300 से अधिक जरूरतमंद महिलाओं को सशक्त बनाया है। यह पहल, महिलाओं को एक ऐसा मंच प्रदान करती है, जिसमें वे अपनी पाक-कला का उपयोग कर अपनी आजीविका अच्छे से चलाने में सक्षम बन रही हैं।

लॉन्च के दिन हुई फाउंडर की मृत्यु, पाँच दोस्तों ने संभाली कमान, आज है लाखों का बिजनेस

दिल्ली में पाँच महिलाओं ने मिलकर ‘काकुल’ नाम से एक ऐसे मंच को शुरू किया, जहाँ न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल और हाथों से बने सौ से अधिक उत्पादों को बेचा जाता है, बल्कि इससे दूसरी महिला उद्यमियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। पढ़िये एक प्रेरक कहानी।

लाखों की नौकरी छोड़, किया सैनिटरी पैड बनाने का काम, आदिवासी महिलाओं को दिया सम्मानित जीवन

रांची के रहने वाले वन्या वत्सल और गुंजन गौरव ने अपनी नौकरी छोड़, सेनेटरी पैड बनाने का बिजनेस शुरू किया। इसके तहत उनका उद्देश्य वंचित महिलाओं को एक सम्मानित जीवन और रोजगार का बेहतर साधन देना है।

माँ-बेटी की जोड़ी ने शुरू किया मसालों का बिज़नेस, सैकड़ों महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

दिल्ली में रहने वाली प्रज्ञा अग्रवाल ने अपनी बेटी आध्विका के साथ मिलकर अपनी ऑर्गेनिक स्पाइस कंपनी ORganic COndiments की शुरुआत 2016 में की। इसके तहत उनका उद्देश्य वंचित महिलाओं को रोजगार देने का है।

वह मशहूर कवयित्री जिन्होंने एक वर्षा वन को बचाने के लिए छेड़ी देश की सबसे ऐतिहासिक आंदोलन!

ऐतिहासिक सेव साइलेंट वैली आंदोलन के दौरान मराठिनु स्तुति (Ode to a Tree) नाम की एक कविता इस आंदोलन की पहचान बन गई। इस कविता को आवाज सुगत कुमारी ने दी थी, जो इस आंदोलन का नेतृत्व भी कर रही थीं।

जहाँ किसानों ने कीवी का नाम तक नहीं सुना था, वहाँ 'कीवी क्वीन' बन कमातीं हैं लाखों!

सीता देवी ने कीवी की खेती करने की ठानी तो उन्हीं के गाँव के कुछ लोग उनके हौसले को तोड़ने की साजिश में जुट गए। कुछ कहते थे कि ऐसी फसल कहां होती है, जिसे जानवर नुकसान न पहुंचाएं और कुछ का कहना था कि कीवी विदेशी फल है, परंपरागत फसलों के क्षेत्र में इसकी पैदावार रंग ही नहीं लाएगी।

#हमराही: नौकरी छोड़ पहुँच गए गाँव, 'साबुन' से बना दिया सैकड़ों महिलाओं को सशक्त!!

By निशा डागर

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अनुराग और शिखा ने कॉलेज के दिनों से ही ठान लिया था कि वे आगे चलकर ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने के लिए काम करेंगे!

किसानों की समस्या को ही बना दिया समाधान, सूखे और भारी बारिश के लिए खोजी अनोखी तकनीक

By विनय कुमार

हमारे देश में खेती के लिए लम्बे समय तक बारिश न होने या अचानक बेमौसम होने वाली बारिश से फसलों की बर्बादी होती है इसका समाधान है भुंगरु.