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HomeAuthorsविनय कुमार

किसान के बेटे ने किया बिना ड्राइवर के ट्रैक्टर चलाने वाले रिमोट का अविष्कार

By विनय कुमार

राजस्थान के एक किसान के बेटे योगेश नागर ने ट्रैक्टर को चलाने वाले रिमोट का अविष्कार किया है जिससे दूर बैठकर ट्रैक्टर को चलाया जा सकता है।

कभी 40 कम्पनियों से नकारे गए थे ये इंजिनियर; आज हैं एक सफल स्टार्ट अप के मालिक!

By विनय कुमार

'पढ़ेगा इंडिया' साउथ दिल्ली में सेकेण्ड हैण्ड किताबें ऐसे लोगों तक पहुंचा रहा है जिनके पास महँगी किताबें खरीदने की क्षमता और दुर्लभ किताबों तक पहुँच नहीं है.

देख नहीं सकते पर दिखा सकते हैं दुनिया: नेत्रहीन कलाकारों की नाट्य प्रस्तुति देख दांतों तले ऊँगली दबाएंगे आप

By विनय कुमार

पुणे में 19 नेत्रहीन कलाकार अपनी नाट्य प्रस्तुति से आपको चकित कर देंगे। सावी फाउंडेशन की कोशिश और स्वागत थोरात के निर्देशन में मेघदूत नाटक प्रस्तुत किया।

'जाति-जाति' का शोर मचाते केवल कायर, क्रूर : रामधारी सिंह दिनकर को पढ़िए उम्मीद की कविता में

By विनय कुमार

रामधारी सिंह दिनकर ऐसे कवि रहे जो सरकार के साथ काम करते हुए भी जरूरत के वक़्त जनता के साथ खड़े होकर सरकार का विरोध करते रहे।

ग्रीन ग्रुप से महिलाओं को सशक्त बनाकर गाँवो में उम्मीद रोपते 'होप' समूह के छात्र

By विनय कुमार

ग्रीन ग्रुप में महिलाएं गाँव में जुए और शराब जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान छेड़ती हैं.

बिना मिट्टी के खेती की इस अनोखी तकनीक से संकट से उबर सकते है किसान!

By विनय कुमार

ये कहानी है कनिका आहूजा की, जिन्होंने कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर इस घटना से प्रभावित होकर अपनी ज़िन्दगी का मकसद बदल लिया। और हरियाणा के बहादुरगढ़ के बच्चों के हालात बदलने में जुट गयीं। कनिका इस कम्युनिटी में आधे दशक से रह रही हैं.

'मुझे सामान की तरह उठाया गया'- एक दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ता की आपबीती से उठी सुविधाजनक रेलवे की मांग!

By विनय कुमार

विराली को भारतीय रेलवे के साथ कई बार संघर्ष करना पड़ा, जहां उन्हें दिव्यांग होने की वजह से जबरदस्ती पुरुषों द्वारा पकड़ा गया

किसानों की समस्या को ही बना दिया समाधान, सूखे और भारी बारिश के लिए खोजी अनोखी तकनीक

By विनय कुमार

हमारे देश में खेती के लिए लम्बे समय तक बारिश न होने या अचानक बेमौसम होने वाली बारिश से फसलों की बर्बादी होती है इसका समाधान है भुंगरु.

साइकिल पर महीनो भटककर आखिर इस पति ने ढूंड निकाला अपनी मानसिक रूप से बीमार पत्नी को!

By विनय कुमार

एक शख्स अपनी जीवनसाथी को इतनी शिद्दत से खोजता है कि पर्याप्त संसाधन न होते हुए भी मंजिल मिल ही जाती है। ये कहानी है तपेश्वर और बबिता की.