आईपीएस अफ़सर अर्चना रामासुंदरम, भारत के सशस्त्र सीमा बल की महानिदेशक बनने वाली पहली महिला अफ़सर थीं। हैदराबाद पुलिस अकादमी ज्वाइन करने पर, अपनी क्लास में वे इकलौती लड़की थीं और इसके सालों बाद, वे महिला अफ़सरों के लिए एक मार्गदर्शक और प्रेरणा बनीं।
अहमदाबाद भारत का पहला शहर है, जिसे 'वर्ल्ड हेरिटेज सिटी' होने का ख़िताब प्राप्त हुआ। 8 जुलाई 2017 को यह घोषणा की गयी। 600 साल पुराने इस शहर में सुल्तानों, अफ्रीकी मूल के सिदी बादशाहों, मुगल सम्राटों और महात्मा गाँधी की कहानियाँ बसी हैं।
बिहार में खगड़िया जिले के परबत्ता गाँव से ताल्लुक रखने वाले संजीव कुमार ने हमेशा से दिल्ली में पढ़े-लिखे और मॉडलिंग में करियर बनाया। लेकिन अपने गाँव में डोम समुदाय की दयनीय स्थिति ने उनकी ज़िंदगी की दिशा बदल दी। पिछले 14 सालों से वे बिहार में छुआछुत जैसी सामाजिक कुरूति के खिलाफ़ लड़ रहे हैं।
4 नवंबर 1977 को असम के जोरहाट में पुष्पक विमान दुर्घटना में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई बाल-बाल बचे थे। आज जहाँ सभी को देसाई का बचना याद है, वहीं बहुत कम लोग जानते हैं कि इस दुर्घटना में भारतीय वायु सेना के पांच अफ़सरों ने अपनी जान गंवाई थी। साथ ही, और भी कई वाकया इस घटना को ख़ास बनाते हैं।
दिल्ली की रहने वाली एलीना जॉर्ज, 'सेकंड चांस' पहल के ज़रिए तिहाड़ जेल के जेल नंबर 5 के कैदियों के जीवन को सुधार रही हैं। TYCIA संगठन के साथ शुरू हुए इस अभियान को अब वे बड़े स्तर पर ले जाना चाहती हैं, जिससे भारत के हर एक जेल में यह अभियान शुरू हो सके!
बेसहारा औरतों को करघों पर तालीम दी जाने लगी, तो इनके बच्चों की पढ़ाई की ज़िम्मेदारी भी आपा ने खुद ओढ़ ली और वर्कशॉप के बाजू में ही अंग्रेज़ी मीडियम का साफरानी स्कूल खोला। अब माँएं दिनभर करघों पर काम करती हैं और निश्चिंत भी हो गई हैं कि उनके बच्चों का भविष्य स्कूल की दीवारों के बीच संवर रहा है।
दिल्ली के नज़फ़गढ़ में रहने वाली कृष्णा यादव के बनाये अचार, कैंडी, मुरब्बा, जूस आदि की मांग आज दिल्ली के आसपास के सभी राज्यों में है। वे 'श्री कृष्णा पिकल्स' कंपनी की मालकिन हैं और आज दिल्ली में उनकी कई फैक्ट्री हैं। उन्हें 'नारी शक्ति अवॉर्ड' से भी सम्मानित किया गया है।
हरियाणा के झज्जर जिले में ससरोली गाँव से ताल्लुक रखने वाले रेसलर विरेंदर सिंह को ज़्यादातर लोग, 'गूंगा पहलवान' के नाम से जानते हैं। वे भारत के सबसे सफल पहलवानों में से एक हैं। उन्होंने चार डेफलिम्पिक्स गेम्स और दो वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में 3 गोल्ड, 1 सिल्वर और 2 ब्रोंज मेडल जीते हैं।
2 फरवरी 2019 को दिल्ली के बवाना नहर में डूब रहे एक बच्चे को दिल्ली पुलिस के एक सिपाही ने अपनी जान पर खेलकर बचाया। ख्याला पुलिस स्टेशन के कोंस्टेबल राजकमल मीणा किसी केस के सिलसिले में यहाँ आये हुए थे और तभी उन्होंने देखा कि एक बच्चा बवाना नहर में गिर गया है।
कुश्ती के खेल में भारत का नाम रौशन करने वालों कि फ़ेहरिस्त 'महाबली' सतपाल सिंह का नाम भी शामिल होता है। सतपाल सिंह ने अपने करियर के दौरान 16 बार नेशनल चैंपियनशिप जीतीं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते। उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण, द्रोणाचार्य अवॉर्ड जैसे सम्मानों से भी नवाज़ा गया है।