मनीष कुमार और पूजा भारती, IIT खड़गपुर में बैचमेट थे। साल 2016 में उन्होंने साथ मिलकर 'बैक टू विलेज' की नींव रखी, जिसके ज़रिए उनका उद्देश्य किसानों का उत्थान करना है!
नंदा कुमार ने अपने गाँव में चार डंपिंग यार्ड और दो प्राइमरी स्कूलों की खाली जगहों को मिनी फार्म में बदला है। यहाँ पर उगने वाली सब्ज़ियां गाँव के लोगों द्वारा और मिड डे मील के लिए इस्तेमाल किया जाता है!
यह कहानी है सविता डकले की, जिन्होंने न सिर्फ अपनी इस आम कहानी को अपनी मेहनत और लगन से ख़ास बनाया बल्कि अपने गाँव की दूसरी महिलाओं को भी अपने नक़्शे कदम पर चलने के लिए प्रेरित किया।
रवि के छोटे भाई अक्षय शर्मा भी एक निजी यूनिवर्सिटी में जाॅब कर रहे थे। पर रवि की सफलता को देखते हुए अब उन्होंने भी नौकरी छोड़कर भाई का साथ देने का फैसला लिया है।