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माँ के नुस्खे को बनाया देसी स्किन-हेयर केयर ब्रांड, 8 हज़ार के निवेश से पहुँचाया 80 हज़ार तक

By प्रीति महावर

चेन्नई की ऐश्वर्या शंकर अय्यर और रमा शंकर नामक माँ-बेटी की जोड़ी ने घरेलू नुस्खों से बने स्किन और हेयर केयर प्रोडक्ट्स से Aavaram ब्रांड की शुरुआत की।

92 वर्षीया 'अम्मीजी' के चाय मसाले से शुरू हुआ व्यवसाय, अब बना रहे हैं 40 प्रोडक्ट्स

By निशा डागर

'अम्मीजी' ब्रांड की शुरुआत दिल्ली में रहने वाली अमृता ने अपनी दादी, राजिंदर कौर की मसालों की रेसिपी से की, जो वह पिछले लगभग 72 वर्षों से बना रहीं हैं!

नौकरी छोड़ शुरू की अंजीर की खेती, इसीके उत्पाद बनाकर टर्नओवर हुआ डेढ़ करोड़

By निशा डागर

दौंड, महाराष्ट्र के रहने वाले समीर डोम्बे ने 2013 में अपनी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर अंजीर की खेती करना शुरू किया था।

जयपुर: वेस्ट पेपर से बनातीं हैं धागा, जिससे बनातीं हैं 50 से ज्यादा उत्पाद

By निशा डागर

जयपुर में रहने वाली नीरजा पालीसेट्टी ने पेपर वीविंग की प्राचीन जापानी तकनीक को भारतीय संस्कृति से जोड़कर अपने स्टार्टअप 'सूत्रकार क्रिएशन्स' की नींव रखी!

मेड इन इंडिया: स्टार्टअप अवार्ड्स के विजेता हैं यह इंडियन, बनाते हैं हेल्दी कटहल का आटा

By निशा डागर

केरल के जेम्स जोशेफ माइक्रोसॉफ्ट में काम करते थे और उन्होंने लगभग 8 साल पहले अपनी नौकरी छोड़ कटहल की प्रोसेसिंग यूनिट शुरू की!

10 लाख घरों को धुएं से बचा रहा है इन MBA ग्रैजुएट्स का एक आविष्कार, 'ग्रीन-चूल्हा'

By निशा डागर

इस प्रोडक्ट को डिज़ाइन करने से पहले इन युवाओं ने देश के उन सूदूर इलाकों का दौरा किया, जहां मिट्टी के चूल्हे इस्तेमाल होते हैं!

पहले खेती करतीं हैं, फिर उस फसल की प्रोसेसिंग घर पर कर मार्केटिंग भी करतीं हैं यह किसान!

By निशा डागर

जैविक खाद, जीवामृत बनाना हो या फिर गेहूं-बाजरे के उत्पाद, सभी काम उनके यहाँ हाथों से ही होता है!

सुईं-धागे से लिखी सफलता की इबारत और गाँव को बना दिया 'हस्तशिल्प गाँव'!

By निशा डागर

इस गाँव की महिलाएं जो भी उत्पाद बनाती हैं उन्हें 'पहाड़ी हाट' ब्रांड नाम से बाज़ार में उतारा गया है और आज यह उत्पाद न सिर्फ भारत बल्कि जर्मनी, जकार्ता जैसी जगहों पर भी अपनी पहचान बना चुके हैं!

60 पेड़ों से शुरू की आंवले की जैविक खेती, 1.25 करोड़ रुपये है कमाई!

By निशा डागर

'रूरल मार्केटिंग गुरु' के नाम से प्रसिद्ध इस किसान ने अब तक 5000 से भी ज़्यादा किसानों को जैविक खेती, वैल्यू एडिशन, मार्केटिंग आदि की मुफ्त ट्रेनिंग भी दी है।

'बैक टू ट्रेडिशन': केमिकल से भरे कॉस्मेटिक्स से इको फ्रेंडली और नेचुरल प्रोडक्ट्स तक!

By निशा डागर

नेचुरल प्रोडक्ट्स सिर्फ खाने के लिए ही नहीं, बल्कि हमारी त्वचा और बालों के लिए भी बहुत ज़रूरी हैं। आज हमारे साथ जानिए कुछ सस्टेनेबल पर्सनल केयर ट्रेंड्स के बारे में!