क्या आपने किसी ऐसे शख्स के बारे में सुना है, जिसने बड़ी कंपनी की नौकरी केवल इसलिए छोड़ दी क्योंकि उसे कटहल को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाना है? चलिए, आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिन्होंने माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी छोड़कर कटहल की प्रोसेसिंग कर उससे ढेर सारे फूड्स आइटम बनाने का काम शुरू किया।
केरल के कोची में रहने वाले जेम्स जोशेफ़ कभी माइक्रोसॉफ्ट में काम किया करते थे। लेकिन लगभग 8 साल पहले उन्होंने नौकरी छोड़कर अपनी खुद की फूड कंपनी शुरू की। इस फूड कंपनी को शुरू करने के पीछे का उद्देश्य था कटहल को दुनिया भर तक पहुँचाना।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि केरल में कटहल का उत्पादन सबसे अधिक होता है। पोषण से भरपूर कटहल को फल और सब्ज़ी के साथ-साथ प्रोसेस कर कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है।
जेम्स एक बार ताज होटल में अपने कुछ क्लाइंट्स के साथ खाना खा रहे थे। वहाँ पर शेफ ने मीट और मशरूम के कुछ ख़ास पकवान बनाए थे। लेकिन जेम्स सोच रहे थे कि इन दोनों से ही ज्यादा पोषक कटहल होता है तो शेफ ने कटहल का इस्तेमाल क्यों नहीं किया? उन्होंने शेफ से पूछ लिया कि कटहल क्यों नहीं? जवाब मिला, “बहुत चिपचिपा होता है, गंध भी आती है और पूरे साल कैसे उपलब्ध होगा।”
जेम्स के मन में यह बात घर कर गई और जब कटहल का मौसम आया तो उन्होंने कुछ कटहल ले जाकर एक शेफ से इसके व्यंजन बनवाए जैसे आलू टिक्की बर्गर की जगह कटहल का बर्गर और पाई भी। यह सभी कुछ बहुत स्वादिष्ट बना और बस यहीं से शुरूआत हुई उनके फूड बिज़नेस की।

उन्होंने अपने शहर लौटकर कटहल की प्रोसेसिंग पर काम करने की ठानी। काफी रिसर्च के बाद उन्होंने जाना कि कटहल में पानी की मात्रा काफी ज्यादा होती है, इसलिए इसे फ्रीज़-ड्राइंग प्रक्रिया से साल भर तक के लिए स्टोर किया जा सकता है। इस तरह से कटहल के सिर्फ एक मौसम में उपलब्धता की परेशानी खत्म हो जाएगी।
उन्होंने अपनी प्रोसेसिंग यूनिट सेट-अप की और बिज़नेस का नाम रखा- Jackfruit 365, क्योंकि वह इसे साल के 365 दिन लोगों के लिए उपलब्ध कराना चाहते थे।
साल 2013 में उनका बिज़नेस सिर्फ कटहल को प्रोसेस करके स्टोर करने से शुरू हुआ। इससे कटहल का वजन 82% तक कम हो जाता है और इससे इसे ट्रांसपोर्ट करने की लागत और मेहनत दोनों कम होती हैं। 180 ग्राम के पैकेट को आप सामान्य तापमान पर लगभग 1 साल तक स्टोर कर सकते हैं और जब आप इसे हल्के गर्म पानी में डालेंगे तो इससे आपको लगभग 1 किलो कटहल मिलेगा।

फ्रोज़ेन कटहल के बाद, जेम्स ने कटहल का आटा भी लॉन्च किया है। जी हाँ, कटहल का आटा, जिसके लिए 49 वर्षीय जेम्स को नेशनल स्टार्टअप इंडिया अवॉर्ड भी मिला है।
जेम्स हमेशा से जानते हैं कि फाइबर से भरपूर कटहल डायबिटीज के मरीज़ों के लिए कार्बोहाइड्रेट का अच्छा विकल्प है। क्योंकि कच्चे कटहल में ग्लूकोज लेवल चावल और गेहूँ से आधा होता है। साल 2014 में एक बार उनकी चर्चा एक पुजारी से हो रही थी। उन्होंने उन्हें बताया कि वह चावल की जगह कच्चा कटहल खाते हैं और इसके बाद से उनका इन्सुलिन इन्टेक कम होने लगा। फाइबर से भरपूर कटहल जल्दी पचता है और सुगर लेवल को कम करता है।
इसके बाद, उन्होंने सोचा कि क्यों न कटहल को लोगों की सामान्य डाइट में शामिल किया जाए और आटे से बढ़कर और क्या चीज़ हो सकती है। इस बारे में उन्हें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम से भी प्रेरणा मिली। जेम्स ने अपनी एक किताब ‘गॉड
ऑन ऑफिस’ पब्लिश की, जिसने कलाम को काफी प्रभावित किया और उन्होंने जेम्स को मिलने के लिए बुलाया। उनकी बातचीत के दौरान जेम्स ने उन्हें अपने इस आईडिया का बारे में बताया।
“वह लगभग 3 मिनट शांत रहे और फिर कहा कि मुझे कटहल को लोगों की दैनिक डाइट में शामिल करने का तरीका ढूँढना चाहिए और वह भी उनकी खान-पान की आदत को बदले बिना। उन्होंने मुझसे वादा किया कि अगर मुझे रास्ता मिल गया तो वह मेरी मार्केटिंग में मदद करेंगे। हालांकि, इससे पहले ही वह हम सबको छोड़कर चले गए, लेकिन उनके शब्द आज भी मेरे साथ हैं,” जेम्स ने बताया।
इसके लगभग 5 वर्ष बाद बहुत से टेस्ट, असफलताओं और प्रयासों से वह कटहल का आटा बनाने में सफल हो गए।

यह काम आसान नहीं था क्योंकि उन्हें इसे ऐसे बनाना था कि यह सभी तरह के व्यंजनों के साथ जाए जैसे उत्तर भारत में रोटी बनाने के लिए इसका उपयोग हो और दक्षिण भारत में इडली और डोसा आसानी से बन पाए। उन्होंने एक बैलेंस के साथ इसे तैयार किया है ताकि किसी को भी कुछ अलग न लगे। इस आटे को सिर्फ और सिर्फ कटहल से ही तैयार किया गया है। उनके आटे की कीमत 10 रुपये प्रतिदिन है जो कि इन्सुलिन से काफी सस्ता है।
इस आटे को आप अमेज़न और बिग बास्केट जैसे प्लेटफार्म से खरीद सकते हैं और केरल में भी लगभग 5 हज़ार दुकानों पर यह उपलब्ध है।
साल 2018 से इस आटे का प्रयोग कर रहे 51 वर्षीय विनु नायर डायबिटीज मरीज़ हैं। इस आटे से उनका सुगर लेवल कम होने के साथ-साथ कार्ब्स और कोलेस्ट्रोल लेवल भी कम हुआ है। वह महीने में लगभग 60-70 किलोमीटर दौड़ते हैं और हफ्ते में लगभग 3 बार एक्सरसाइज करते हैं।
“मैंने अपनी दवाइयों के साथ यह आटा भी खाना शुरू किया और मुझे महसूस हुआ कि दो गोलियाँ और यह आटा मेरे लेवल को कम कर रहे हैं। लगभग 3 महीने की डाइट से ही मेरा टेबलेट और इन्सुलिन इन्टेक कम हो गया। अब पिछले लगभग 4 महीने से मैं सिर्फ यह आटा ही डाइट में ले रहा हूँ और कोई दवाइयाँ नहीं,” विनु ने कहा।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कटहल से ब्लड सुगर लेवल कम होता है और इसलिए ही यह डायबिटीज के मरीज़ों के लिए बढ़िया है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक कटहल से ग्लाइकोसिलेटड हीमोग्लोबिन, FBG और PPG कम होता है। इसलिए कटहल को नियमित डाइट में लेना कारगर है।
जेम्स कहते हैं कि हर दिन कटहल का 30 ग्राम आटा भी अगर कोई अपनी डाइट में लेता है तो उन्हें काफी मदद मिलती है। कोविड-19 के दौरान भी उनके आटे ने बहुत से डायबिटीज के मरीजों की मदद की है!
उन्हें संपर्क करने के लिए info@jackfruit365.com पर ईमेल कर सकते हैं!
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