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पहाड़, झरने, जंगल, नदी.. तीर्थन घाटी में मिट्टी से जुड़ा और मिट्टी से बना एक होमस्टे

क्या आप तीर्थन घाटी में पारंपरिक हिमाचली होमस्टे की तलाश कर रहे हैं? तो आपकी तलाश डाल्टन्स विलेज पर समाप्त होती है, जहाँ आपको शुद्ध हिमाचली और सस्टेनेबल लाइफ के साथ कुछ मजेदार एक्टिवीटीज़ का अनुभव लेने का मौका भी मिलेगा।

कभी कमज़ोर अंग्रेजी के चलते जिसका उड़ता था मज़ाक, छोटे से गाँव की वह लड़की बनी IAS टॉपर

IAS सुरभि गौतम का सफर एक मिसाल है, कि अगर खुद पर भरोसा हो तो किसी भी कमजोरी को हराकर बड़े से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है।

भारत की पहली महिला पायलट, मात्र 21 साल की उम्र में विमान उड़ाकर रच दिया था इतिहास

महिलाओं को आज़ादी और अपनों का साथ मिल जाए तो वह आसमान की ऊंचाईयों को नाप सकती हैं। ऐसा ही कुछ सरला ठकराल ने 1936 में किया था। 21 साल की उम्र में उन्होंने साड़ी पहनकर उड़ान भरी और ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला पायलट बन गईं।

द बेटर इंडिया की पहल का असर! ज़रूरतमंदों तक पहुँची खुशियों की थाली

द बेटर इंडिया और स्वप्ना फाउंडेशन ने मिलकर की एक पहल, जिसके ज़रिए सैंकड़ों लोगों को पेटभर भोजन के साथ हमने परोसीं ढेर सारी खुशियाँ भी। इस काम में हमें मिला आपका भी साथ, शुक्रिया!

इस गांव में सभी हैं Youtubers, कलेक्टर की मदद से खुला स्टूडियो भी 

By प्रीति टौंक

न सरकारी नौकरी का लालच, न किसी फैंसी प्राइवेट जॉब का शौक़, छत्तीसगढ़ के इस गांव में हर कोई तकनीक और सोशल मीडिया के दम पर बन रहा है आत्मनिर्भर। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस काम में स्थानीय प्रशासन भी दे रहा है इनका साथ।

महाराष्ट्र के गाँव में हज़ारों साल पुरानी तकनीक से बना एक ऐसा घर जो है प्रकृति का हिस्सा

बैम्बू, गोबर, मिट्टी, ईंटें, रीसाइकल्ड लकड़ी और स्थनीय पत्थर; आस-पास मिलने वाली चीज़ों से यह घर बनाया है महाराष्ट्र के तीन दोस्तों ने, जो पेशे से आर्किटेक्ट हैं और गाँव की साधारण जीवनशैली से बेहद प्रभावित हैं। इसलिए इन्होंने अपनी कला से बनाया है यह प्राकृतिक घर।

पिता 25 साल से लगा रहे चाट-पकौड़ी का ठेला, बेटी मेहनत के दमपर UPSC में AIR 93 लाकर बनी IAS

"इंसान को पुराने दिनों को कभी भी नहीं भूलना चाहिए। ये जीवन में बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं," ऐसा मानना है IAS Dipesh Kumari के पिता गोविंद प्रसाद का; जिन्होंने 25 सालों तक चाय-पकौड़े का ठेला लगाकर गुज़ारा किया, लेकिन बच्चों की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी।

500 बुजुर्गों का ख्याल रखने वाला बेटा, पिता की याद में चला रहा फ्री टिफिन सर्विस

By प्रीति टौंक

खेड़ा, गुजरात के रहनेवाले राकेश पंचाल पिछले पांच सालों से अपने शहर के सैकड़ों जरूरतमंद बुजुर्गों की सेवा कर रहे हैं, अपने फ्री टिफिन सर्विस के ज़रिए।