बचपन से पेड़-पौधे लगा रहे अंकलेश्वर के दीपक प्रजापति, जहां भी रहते हैं, वहां पौधे लगाते रहते हैं। उन्होंने देशभर से पोर्टुलाका की 100 किस्में जमा की हैं, जिन्हें वह सिर्फ अपने घर में ही नहीं, बल्कि गांव के मंदिरों में भी लगाते रहते हैं।
उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले के खुरपी गांव में 32 वर्षीय सिद्धार्थ राय, एक एग्रो-टूरिज्म सेंटर चला रहे हैं, जहां आपको तालाब, मुर्गियां, घोड़े, ऊंट, बत्तख सहित कई जानवर मिलेंगे और ये सभी सिद्धार्थ की आय का ज़रिया भी हैं। उन्होंने इस काम की शुरुआत, एक समय पर नौकरी छोड़कर का थी।
दिल्ली के रहनेवाले वेंकटेश और सुभा नारायणं अपने बेहतरीन ट्रेवल वीडियोज़ की वजह से हमेशा सोशल मीडिया में छाए रहते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ये दोनों कोई दोस्त नहीं, बल्कि माँ-बेटे की जोड़ी है।
जयपुर से 30 किमी दूर महेश्वास गांव में बने ‘विन्यासा डांस आश्रम’ में देश-विदेश से लोग वेस्टर्न और कंटेम्पररी डांस सीखने आते हैं। इस डांस स्कूल को पूरी तरह से मिट्टी और बैम्बू जैसी प्राकृतिक चीजों से बनाया गया है।
पिछले 15 सालों से गया (बिहार) की सीता देवी एक इलेक्ट्रीशियन के तौर पर काम कर रही हैं और बल्ब से लेकर माइक्रोवेव तक सबकुछ ठीक कर सकती हैं। पढ़ें, एक गृहिणी से इलेक्ट्रीशियन देवी बनने तक की उनकी पूरी कहानी।
कोयंबटूर की स्मृति ने दसवीं की परीक्षा पास करने से पहले अपना बिज़नेस शुरू कर दिया था। वह अब तक 200 लोगों को टेराकोटा ज्वेलरी बनाना सिखा चुकी हैं और मात्र 22 की उम्र से एक सफल बिज़नेस चला रही हैं।
देशभर में जहां सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन लगा है, ऐसे में लोगों को प्लास्टिक रीसायकल के लिए प्रेरित करने के लिए जूनागढ़ में एक अनोखी पहल की जा रही है। यहां आप प्लास्टिक जमा करके मुफ्त में खाना खा सकते हैं।
मानसून में अगर आपके बाल भी ज्यादा झड़ते हैं या चिपके-चिपके रहते हैं, तो इन होममेड हेयर मास्क से आप इन छोटी-छोटी दिक्कतों से आराम से छुटकारा पा सकते हैं। वह भी बिना केमिकल और ज्यादा पैसे खर्च किए।
रायपुर की राखी श्रीवास्तव VIU naturals नाम से 45 तरह के हैंडमेड नेचुरल प्रोडक्ट्स बनाकर बेच रही हैं और इसके जरिए लाखों रुपये भी कमा रही हैं। लेकिन एक समय पर उनके पास इस बिज़नेस को शुरू करने तक के पैसे नहीं थे।