15 की उम्र में शुरू किया बिज़नेस, विदेशों तक पहुंचा रही हैं भारत की टेराकोटा ज्वेलरी

smriti terracotta jewelry business

कोयंबटूर की स्मृति ने दसवीं की परीक्षा पास करने से पहले अपना बिज़नेस शुरू कर दिया था। वह अब तक 200 लोगों को टेराकोटा ज्वेलरी बनाना सिखा चुकी हैं और मात्र 22 की उम्र से एक सफल बिज़नेस चला रही हैं।

कहते हैं न कि अगर आप में हुनर है, तो सफलता हर हाल में मिलती ही है। ऐसा ही कुछ हुआ कोयम्बटूर की रहनेवाली स्मृति एस के साथ भी। स्मृति महज 22 साल की हैं और टेराकोटा ज्वेलरी सहित कई तरह के डेकोरेटिव प्रोडक्ट्स बनाती हैं और वह इन प्रोडक्ट्स को पूरे देश के साथ-साथ, दुनिया के नौ अन्य देशों में  भी बेच रही हैं।

स्मृति अपने बिज़नेस ‘शिखा क्रिएशन’ के ज़रिए,  13 लोगों को रोज़गार भी दे रही हैं। वहीं उन्होंने अब तक करीबन 200 लोगों को टेराकोटा ज्वेलरी बनाने की ट्रेनिंग दी है, जिसमें से 40 से ज्यादा लोग तो आज खुद का बिज़नेस चला रहे हैं। 

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उन्होंने इस काम की शुरुआत बहुत छोटी सी उम्र में की थी।  द बेटर इंडिया से बात करते हुए वह कहती हैं, “मुझे आर्ट और क्राफ्ट में हमेशा से रुचि रही है। बचपन से मैं गर्मियों की छुट्टियों में कुछ न कुछ सीखती थी। साल 2015 में गर्मी की छुटियों में ही मैंने टेराकोटा ज्वेलरी बनाना सीखा था, जिसके बाद मुझे इस काम में बहुत मज़ा आने लगा। मैंने अपने दोस्तों को टेराकोटा ज्वेलरी बनाकर तोहफे में देना शुरू किया।”

छोटी सी उम्र में हॉबी को बनाया काम 

Smriti terracotta artist
Smriti S.

स्मृति इस काम में इतनी माहिर थीं कि जिन-जिन लोगों को भी वह अपनी बनाई ज्वेलरी तोहफे में देतीं सभी उसकी खूब तारीफ करते थे। तभी उन्हें लगा कि क्यों न इसे बिज़नेस बनाया जाए? मात्र 15 साल की उम्र में ही उन्हें इस काम को  बिज़नेस बनाने का ख्याल आ गया था। 

इसके बाद उन्होंने टेराकोटा के झुमके बनाकर अपने घर के पास की एक क्राफ्ट दुकान में रखा। करीबन दो हफ्ते बाद, उनके बनाए झुमके 50 रुपये में बिके थे। स्मृति कहती हैं, “वे 50 रुपये मेरे जीवन की पहली कमाई थे, जिसे पाकर मैं बेहद खुश हुई थी। लेकिन तब भी मुझे अंदाजा नहीं था कि एक दिन मेरी हॉबी इतना बड़ा बिज़नेस बन जाएगी।”

अगले ही साल उन्होंने अपनी दसवीं की परीक्षा देने के बाद, अपना बिज़नेस ऑनलाइन शुरू किया और इंस्टाग्राम सहित सोशल मीडिया पर भी मार्केटिंग करने लगीं। 

शुरुआत में जब उन्होंने अपनी हॉबी को काम बनाने का फैसला किया तब उनके पिता ने उनकी पढ़ाई को लेकर चिंता भी जताई, लेकिन स्मृति ने अपने काम के साथ-साथ, पढ़ाई को बखूबी संभाला है।  

ड्रीम कैचर, फ्रिज मैगनेट जैसी चीजें भी बनाती हैं स्मृति

Terracotta jewelry By Smriti
Terracotta jewelry By Smriti

स्मृति कहती हैं, “यूं तो बाजार में कई तरह की टेराकोटा ज्वेलरी मिलती हैं, लेकिन हमारी डिज़ाइन पारम्परिक अभूषणों से प्रेरित है। हम भारत सहित विदेशी संस्कृति से भी प्रेरणा लेते हैं। यहां तक की पुरानी मूर्तियों और मंदिरों में बने डिज़ाइन भी हम अपनी ज्वेलरी में बनाते हैं।”

इसके साथ ही उन्होंने अलग-अलग तरह के पत्थरों से भी टेराकोटा के अभूषण बनाए हैं, जो शायद ही कहीं देखने को मिलते हैं। ज्वेलरी के अलावा वह ड्रीम कैचर, फ्रिज मैगनेट जैसी चीजें भी बनाती हैं, जो लोगों को बेहद पसंद आती हैं। यह सारी चीज़ें बनाने के लिए वह  ईरोड (तमिलनाडु) से बढ़िया क्वालिटी की क्ले मंगवाती हैं। 

विदेश तक जाते हैं इनके प्रोडक्ट, पैकेजिंग का रखती हैं खास ख्याल

साल 2020 में उन्हें,  सोशल मीडिया के ज़रिए सिंगापुर से एक बल्क ऑर्डर मिला था, जिसके बाद उन्हें सिंगापुर से कई और ऑर्डर्स मिले। उन्होंने बताया कि बिना किसी प्रमोशन के मात्र उनके काम को पसंद करके लोग उन्हें ऑर्डर्स देते हैं। 

मिट्टी से बने होने के कारण इन प्रोडक्ट्स को विदेश तक भेजना भी एक जिम्मेदारी वाला काम होता है।  लेकिन स्मृति अपने प्रोडक्ट्स की पैकिंग पर विशेष ध्यान देती हैं और अपने ग्राहकों को भी इसके रख-रखाव के बारे में समझाती हैं। 

a student entrepreneur

पढ़ाई के साथ-साथ, हर महीने कमा रहीं 30 हज़ार रुपए

स्मृति, फ़िलहाल बी टेक (फैशन टेक्नोलॉजी) के फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही हैं और शिखा कलेक्शन के ज़रिए वह हर महीने करीबन 30 हजार रुपये कमा रही हैं। वहीं, वह आने वाले समय में अपने बिज़नेस को टेराकोटा का एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म बनाना चाहती हैं, जहां उनके जैसे कई टेराकोटा आर्टिस्ट्स अपने प्रोडक्ट बेच सकें।  

हाल ही में उन्होंने एक इंटरनेशनल प्रतियोगिता, ग्लोबल स्टूडेंट ऑन्त्रप्रेन्योर अवॉर्ड (GSEA) में भाग लिया था। इस प्रतियोगिता में वह भारत से चुने गए तीन बच्चों में एक मात्र लड़की थीं और इस इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म में वह सेकंड रनर अप भी रही थीं। 

स्मृति अपने जैसे हर किसी को अपने हुनर पर काम करने की सलाह देती हैं। उनका मानना है कि कुछ भी नया करने के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती, बस लगन और रुचि ज़रूरी है। आप शिखा क्रिएशन के बारे में ज्यादा जानने के लिए स्मृति से यहां संपर्क कर सकते हैं।  

संपादनः अर्चना दुबे

यह भी पढ़ेंः बढ़ई भैया नहीं, मिलिए कारपेंटर दीदी से! पिता से लकड़ी का काम सीखकर शुरू किया अपना बिज़नेस

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X