Powered by

Latest Stories

HomeTags List positive news

positive news

नमक को छोड़कर सबकुछ उगता है इनके खेत में, रिटायरमेंट के बाद बनाये पांच आदर्श गाँव

By प्रीति टौंक

रिटायरमेंट के बाद अक्सर लोग आराम भरा जीवन जीने के सपने देखते हैं, लेकिन आयकर अधिकारी आर के पालीवाल ने रिटायरमेंट के बाद 20 एकड़ खेत पर कम्युनिटी फार्मिंग करना शुरू किया, जिसके जरिए वह जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहते हैं। इससे पहले भी नौकरी में रहते हुए वह मॉडल गांव के लिए काम करते रहते थे।

IT इंजीनियर ने बनाई एक ऐसी टाउनशिप जहां सीमेंट के नहीं, बनेंगे सिर्फ मिट्टी के घर

By प्रीति टौंक

बेंगलुरु के पास बना NSR Green Woods एक ईको-फ्रेंडली टाउनशिप है, जो बिजली और पानी के लिए किसी पर आधारित नहीं और यहाँ बने हर घर में एक किचन गार्डन भी है। इस टाउनशिप के संस्थापक राघव राव ने आईटी कंपनी की नौकरी छोड़कर, साल 2015 में इसकी शुरुआत की थी।

कश्मीर के मैथ्स टीचर ने घर पर ही बना दी सोलर कार

By प्रीति टौंक

पुरानी कार को 13 सालों की मेहनत के बाद, एक सोलर कार में बदल, कश्मीर के मैथ्स टीचर बिलाल अहमद रातों-रात कश्मीर सहित पूरे देश में मशहूर हो गए।

घर बनाने से पहले ही उगाने लगे थे पौधे, आज फूलों की चादर से ढका रहता है इनका घर

By प्रीति टौंक

हरिद्वार के रहनेवाले सुधीर सैनी ने जब 2018 में अपना खुद का घर बनाया, तब उन्होंने घर को सजाने के लिए कई पौधे पहले ही तैयार कर लिए थे। यही कारण है कि उनका घर आज फूलों की बेल से भरा हुआ है।

क्यों, सुधा मूर्ति अपनी जमा पूंजी Infosys में लगाने के बाद भी नहीं बनीं इसका हिस्सा

By प्रीति टौंक

43 साल पहले सात दोस्तों ने ज़ीरो से इंफोसिस की शुरुआत की थी, जो आज अरबों की कंपनी बन गई है। पढ़ें, Infosys की शुरुआत की पूरी कहानी।

2013 से अब तक देश के 17 राज्यों के हजारों लोगों को मुफ्त में देसी बीज बाँट चुके हैं केदार

By प्रीति टौंक

देसी सब्जियों और फलों का स्वाद, लोगों की थाली में वापस लाने के लिए गुना (मध्यप्रदेश) के रुठियाई गांव में रहनेवाले केदार सैनी ने सैकड़ों बीज इकट्ठा किए हैं, जिन्हे वह मात्र डाक खर्च के साथ देशभर के किसानों तक पंहुचा रहे हैं। अब तक वह देश के 17 राज्यों के हजारों लोगों तक ये बीज पंहुचा चुके हैं।

विदेश की नौकरी ठुकरा, गोबर से बनाये प्रोडक्ट्स, गांववालों को दिया रोज़गार

By प्रीति टौंक

गुजरात के गोधरा से 40 किमी दूर देवगढ़ बारिया गांव के राहुल धरिया यूं तो पेशे से एक डॉक्टर हैं, लेकिन गौ सेवा में अपनी विशेष रुचि के कारण वह पिछले पांच सालों से देसी गाय के गोबर पर रिसर्च कर रहे हैं और खुद ही गाय के गोबर से घड़ी, मोबाइल स्टैंड, मूर्तियां सहित कई चीजें बना रहे हैं।

"IIT से ज़्यादा मुश्किल है मिट्टी का घर बनाना!" विदेश की नौकरी छोड़ गाँव में बस गया यह कपल

By प्रीति टौंक

उज्जैन से करीब 50 किमी दूर बड़नगर में बना एक नेचुरल फार्म स्टे- जीवंतिका को दो आईआईटी टॉपर्स साक्षी भाटिया और अर्पित माहेश्वरी ने अपने जीवन के अनुभवों से बनाया है।

मिलिए ओडिशा की एकमात्र महिला प्लंबिंग ट्रेनर से, 1000+ लोगों को दे चुकी हैं ट्रेनिंग

By प्रीति टौंक

सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद, भुवनेश्वर की शताब्दी साहू ने नौकरी करने के बजाय एक ऐसे काम को चुना, जिसे महिलाओं का काम नहीं समझा जाता। लेकिन भीड़ से हटकर उनके काम ने ही आज उन्हें ओडिशा की एक मात्र महिला प्लंबर ट्रेनर का ख़िताब दिलाया है।

देख नहीं सकते पर दुनिया को किया रोशन, मोमबत्ती बिज़नेस में 9000 नेत्रहीनों को दिया रोज़गार

By प्रीति टौंक

मिलिए देश के सबसे सफल दिव्यांग बिज़नेसमैन भावेश भाटिया से, जो खुद नेत्रहीन होने के बावजूद देशभर के 9000 दिव्यांगजनों को काम दे रहे हैं और अपने प्रोडक्ट्स देश की कई बड़ी कंपनियों के साथ दुनिया भर में पंहुचा रहे हैं।